एक दर्जन गिरोह के सदस्यों की तलाश जारी:-3- प्रतिनिधि, अररियानगर थाना क्षेत्र के एडीबी चौक स्थित एसबीआई बैंक से सटे एक नवनिर्मित भवन में अवैध तरीके से लोन देने के नाम पर चिटफंड कंपनी के कर्मियों द्वारा दर्जनों महिलाओं का जमा रुपये लेकर प्रतिष्ठान में ताला जड़कर गत 12 मार्च को फरार होने में सफल रहे थे. जिसके बाद सभी उग्र महिलाओं ने काफी आक्रोश जताया था व नगर थाना में आवेदन भी दर्ज करवाया था. जिसमें नगर थाना पुलिस अनुसंधान में जुटी थी. इस कांड के अनुसंधान में पुलिस ने कई तथ्यों को उजागर करते हुए 02 नटवरलाल को गिरफ्तार किया है. बांकी की तलाश जारी है. इसको लेकर एसपी अंजनी कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बताया कि रुपये ठगी की शिकार जलालगढ़ थाना के दनसार गांव वार्ड संख्या 10 निवासी पूजा देवी पति हरिनंदन पासवान के द्वारा नगर थाना में आवेदन दिया गया था. आवेदन अनुसार रिभर फाइनेंस लिमिटेड नामक प्राइवेट कंपनी के द्वारा 76 हजार रुपये लोन देने के नाम पर बहुत सारे महिलाओं से 2500 – 2500 रुपये की ठगी करते हुए लगभग 10 लाख रुपये की राशि की ठगी कर ली गयी है. थाना में दिए आवेदन में जलालगढ़ सहित अररिया के विभिन्न गांवों के 25 ग्रुप के लगभग 300 सदस्यों से ग्रुप लोन देने के नाम पर ठगी की बात सामने आयी. आवेदन में 03 व्यक्तियों को नामजद भी किया गया. एसपी ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर एसडीपीओ रामपुकार सिंह के नेतृत्व में डीआईयू व नहर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक के साथ एक छापामारी दल का गठन करते हुए इस ठगी का जल्द उद्भेदन करने का निर्देश उन्होंने दिया. गठित दल द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधान व आसूचना संकलन करते हुए ठगी में शामिल गिरोह का पता लगाकर 02 आरोपितों को सहरसा जिला से हिरासत में लिया गया. हिरासत में लिए गए दोनों आरोपितों में मधेपुरा जिला के ग्वालपाड़ा निवासी जयराम कुमार (30) पिता सुरेश साह व मधेपुरा के शंकरपुर थाना अंतर्गत गिद्धा निवासी सुनिल कुमार (29) पिता लक्ष्मण साह से पूछताछ में उक्त कांड में अपनी संलिप्ता स्वीकार की है. दोनों के पास से घटना के समय प्रयुक्त किये 02 मोबाइल व 01 अल्टो कार बरामद किया गया है. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपितों के अकाउंट को त्वरित फ्रिज करते हुए अग्रतर कार्रवाई जारी है. ठग गिरोह में शामिल अंतर-जिला 10 से 12 अन्य सदस्य को भी चिह्नित कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि इनलोगों को किराये पर ऑफिस देने वाले मकान मालिक के भी भूमिका की जांच की जा रही है. तकनीकी अनुसंधान में इन लोगों के द्वारा संचालित ऐसे कई ग्रुप का पता चला है. जो विभिन्न जिलों में संचालित चल रहा था व इनके द्वारा ठगी का काम किया गया है. अन्य जिलों से भी इस संदर्भ में संपर्क कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. गिरफ्तार दोनों आरोपित के पास से 02 मोबाइल, 01 उजला रंग का अल्टो कार-01 सहित स्टेट बैंक व एचडीएफसी बैंक का एटीएम कार्ड बरामद किया गया है.
गिरफ्तार ठग ऐसे करते थे ठगी
जिला मुख्यालय के एडीबी चौक स्थित स्टेट बैंक के बगल में रिभर फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से ठग गिरोह ने एक ऑफिस बनाया गया था. जहां से वे लोग गांव गांव घुमकर लोन देने के नाम पर प्रति महिला 2500 रुपये प्रोसेसिंग शुल्क लेकर दर्जनों महिलाओं का खाता खोलते थे व सभी को एक ही निश्चित तारिख पर ग्रुप लोन के लिये बुलाते थे. जिसमें निर्धारित तारीख से पूर्व ही गिरोह के लोग ठगी के सारे रुपये लेकर फरार हो जाते थे.कहते हैं एसपी
एसपी अंजनी कुमार ने बताया कि अररिया से ठगी के रुपये लेकर ठग गृह सुपौल फरार होने में कामयाब रहे. जहां सभी ने अपना डेरा डालकर पुनः एक चिटफंड कंपनी खोला. इसके बाद वहां से भी ठगी कर गत बुधवार को रुपये लेकर फरार होने में सफल रहे. जिसमें सुपौल जिला के थाना में भी गिरोह के सदस्य के खिलाफ गत गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसके बाद सहरसा में ठगी करने का प्रयास जारी है. इस गिरोह में 10 से 12 सदस्य बताया गया है. जो कई अंतर-जिला निवासी हैं. गिरोह में सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिला का निवासी बताया गया है. मधेपुरा निवासी दोनों आरोपित को सहरसा जिला से अररिया पुलिस ने तकनीकी व वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. दोनों आरोपितों के दो बैंक खाता को तत्काल फ्रीज कर दिया गया है. ऐसे गिरोह सदस्य के पास जब काफी रुपये एकत्रित हो जाते थे तो उस क्षेत्र को छोड़कर गिरोह फरार होने में सफल हो जाते थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है