सिकटी. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी यह अभियान एक अगस्त से सात अगस्त तक चलाया जाना है. अभियान में शिशु को जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला गाढ़ा दूध पिलाने, छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने, कंगारू मदर केयर व गृह आधारित नवजात की देखभाल के बारे में महिलाओं को जागरूक व प्रेरित किया गया. इस दौरान आशा, एएनएम, आशा फेसिलिटेटर के अलावा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सहभागिता से स्तनपान केंद्रित जागरूकता संबंधी गतिविधियां संचालित की गयी. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजमत राणा ने बताया कि कार्यक्रम में एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही. उन्होंने कहा कि शिशु के सर्वांगीण विकास में स्तनपान की संपूर्ण प्रक्रिया को तीन महत्वपूर्ण संदेशों में प्रसारित किया जा रहा है. पहला जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला गाढ़ा दूध पिलाना, दूसरा छह माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराना व तीसरा दो वर्ष तक बच्चे को पूरक आहार के साथ स्तनपान कराना सहित दो वर्ष पूरे होने तक स्तनपान जारी रखना शामिल हैं.
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