औरंगाबाद शहर. जनेश्वर विकास केंद्र, जन विकास परिषद एवं बासमती सेवा केंद्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साहित्य संवाद के संयोजक लालदेव प्रसाद की अध्यक्षता और शिक्षक उज्जवल रंजन के संचालन में अधिवक्ता संघ भवन में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जनेश्वर विकास केंद्र के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथियों द्वारा दीप जलाकर किया गया. मुख्य अतिथियों का स्वागत जन विकास परिषद के उपाध्यक्ष रामचंद्र सिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह ने माल्यार्पण कर किया. स्वागत भाषण जनेश्वर विकास केंद्र अध्यक्ष रामजी ने दिया. इसके बाद वर्तमान में संयुक्त परिवार की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गयी. डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा, कवि लवकुश प्रसाद सिंह ने विचार व्यक्त किया. साहित्यकार सुरेंद्र प्रसाद मिश्र व अध्यक्ष रामजी सिंह ने बताया कि परिवार बिना जीवन संभव नहीं है. व्यक्ति को जीवन के हर पड़ाव पर परिवार की जरूरत होती है. ऐसे में परिवार के प्रति लोगों में चेतना लाने के लिए हर साल 15 मई को अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है. सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि परिवार बिना जीवन जीना असंभव है. परिवार ही समाज के साथ हमें जोड़ता है. आगे बढने के लिए प्रेरणा देता है. बुरे से बुरे वक्त में हमारे साथ खड़ा रहता है. इंसानों को जीवन के हर मोड़ पर परिवार की जरूरत होती है. ऐसे में परिवार से संबंधित मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता हैं. साहित्य संवाद के अध्यक्ष लालदेव प्रसाद ने कहा कि जहां परिवारों में एकजुटता है वह घर स्वर्ग समान है. कला कौशल के संयोजक आदित्य श्रीवास्तव ने बताया कि कोई भी इंसान कभी भी अपने परिवार के बिना नहीं रह सकता है. किसी की भी जिंदगी की शुरुआत ही परिवार के साथ होती है. माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, नाना-नानी समेत कई सारे रिश्ते उन्हें मिलते है जब वो पहली बार इस दुनिया में पहली सांस को लेता है. परिवार ही उसे हर लोगों से जोड़ता है, उसे पहचान दिलाता है. परिवार ही आपके अच्छे- बुरे वक्त में आपका साथ देता है, जिसका जीता जागता उदाहरण कोरोना त्रासदी है.
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