दाउदनगर. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में 23 व 24 अगस्त को जीवनोदय शिक्षा समिति द्वारा इंटरनेशनल सेमिनार में देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले लगभग छह दर्जन कलाकारों, अधिकारियों, पत्रकारों को सम्मानित किया जायेगा. सम्मानित होने वालों की सूची में औरंगाबाद जिले से भी एक वरीय उप समाहर्ता, एक पत्रकार व चार कलाकार शामिल हैं. संस्था के सांस्कृतिक संयोजक पवन बाबू के अनुसार, औरंगाबाद जिले से छह व्यक्तियों को विभिन्न पुरस्कारों के लिए चयनित किया गया है. इनमें गायन के क्षेत्र में औरंगाबाद की सृष्टि लक्ष्मी को विंध्यवासिनी देवी सम्मान, थिएटर के क्षेत्र में दाउदनगर के विकास कुमार, चंदन कुमार व चंदन कसेरा को थिएटर कलाकार सम्मान से सम्मानित किया जाना है. सम्मान और प्रशासन के क्षेत्र में वरीय उपसमाहर्ता औरंगाबाद रितेश कुमार यादव को प्रशासनिक सेवा के लिए सम्मान दिया गया है. सबको इसी मंच पर सम्मानित किया जायेगा. संस्था के अध्यक्ष सदस्य डॉ रामनारायण तिवारी के अनुसार, यह संस्था विद्वानों, लेखकों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एक मंच प्रदान करती है, जहां वह ऐतिहासिक, साहित्यिक, कलात्मक और समाजशास्त्रीय पहलुओं पर विचार-विमर्श करते हैं. वर्ष 1995 से निरंतर यह आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 10 देश के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. अभी कार्यक्रम में तीन माह का वक्त है. फिलहाल अमेरिका, फिजी, मारीशस, लीबिया और नेपाल के प्रतिनिधियों के आने की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है. उपेंद्र ने बताया कि यह सब उपलब्धि दाउदनगर जिउतिया लोकोत्सव पर रिसर्च करने के साथ इतिहास लेखन के कारण मिली है. यहां के लोक कलाकारों और विशेष कला का यह सम्मान है. गत वर्ष 10 नवंबर को जिउतिया समेत अन्य लोक संस्कृतियों पर रिसर्च कर रही स्मिता तिवारी जस्सल पूरी टीम के साथ आयी थीं. वे तुर्की के अंकारा स्थित मिडिल ईस्ट टेक्निकल विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की प्रोफेसर रही हैं. फिलहाल वे सोनीपत स्थित अशोक विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर हैं. उन्हें काफी वीडियो और फोटोग्राफ दिखाया गया था. गीत सुनाया गया. जिउतिया संस्कृति से संबद्ध उनके प्रश्नों का जवाब दिया. अपनी किताबें दिखायी. काफी कुछ उनके सवाल थे जिसका जवाब दिया. इसके अलावा उनकी अपेक्षा के अनुसार कई महिलाओं को उनके सामने लाया, जिससे उन्होंने सवाल जवाब किया. उनके साथ एक खास टीम रही, जिसमें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के पीजी कालेज गाजीपुर में प्रोफेसर डॉ रामनारायण तिवारी भी शामिल थे, जो भोजपुरी अंग्रेजी साहित्य में बड़ा नाम हैं और इन्होंने कई विदेशियों को भोजपुरी में पीएचडी कराई है. इसके बाद जीवनोदय शिक्षा समिति गाजीपुर से यह सूचना दी गयी.
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