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ब्लॉक परिसर में लगा अशोक स्तंभ उपेक्षित

संरक्षण के लिए न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ध्यान है और न ही प्रशासन ही पहल कर रहा

ओबरा.

प्रखंड मुख्यालय स्थित ब्लॉक परिसर में वर्षों पूर्व लगाया गया अशोक स्तंभ उपेक्षा का शिकार है. इसके संरक्षण के लिए न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ध्यान है और न ही प्रशासन ही पहल कर रहा है. राष्ट्रीय प्रतिक चिह्न कहा जाने वाले अशोक स्तंभ की अनदेखी से स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की है. 15 अगस्त व 26 जनवरी को पदाधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि एकत्रित होकर ब्लॉक परिसर में झंडोत्तोलन करते हैं, लेकिन वर्षों पहले स्थापित अशोक स्तंभ देखरेख के अभाव में उपेक्षित है. अशोक स्तंभ के आसपास सरकारी भवन बना दिये गये हैं. इस धरोहर का सौंदर्यीकरण करने के लिए व युवा पीढी को जागरूक करने के उद्देश्य से समाजसेवी व सेवानिवृत प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार विकल द्वारा दो वर्ष पहले डीएम का ध्यान आकृष्ट कराया गया था, लेकिन इसके बाद किसी पदाधिकारी ने इस मामले में पहल नहीं की. सेवानिवृत्त बीडीओ विमल चंद्र चौधरी, चिकित्सक डॉ अरविंद शर्मा, कांग्रेसी नेता कृष्णकांत शर्मा, रामलाल सिंह, पूर्व प्रमुख लालदेव सिंह, पूर्व मुखिया सिद्धेश्वर सिंह, पूर्व प्रमुख अंबिका पांडेय आदि ने बताया कि ब्लॉक की स्थापना 1956 में करायी गयी थी, लेकिन स्थापना से पहले ब्लॉक परिसर में भारत का प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ बनाया गया था, जो आज उपेक्षित है. सेवानिवृत प्रधानाध्यापक ने बताया कि इस मामले में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया है, लेकिन उनके द्वारा ब्लॉक परिसर में लगाये गये अशोक स्तंभ के प्रति अनभिज्ञता जाहिर की गयी. उन्होंने बताया कि ब्लॉक परिसर में अशोक स्तंभ किस जगह है, उसकी जानकारी उन्हें नहीं है. पूर्व प्रधानाध्यापक ने उक्त धरोहर का सौंदर्यीकरण कराने की मांग की है.

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