औरंगाबाद. सदर प्रखंड के अंतर्गत आने वाले जम्होर को अब नगर पंचायत का दर्जा मिल गया है. इससे संबंधित अधिसूचना बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग की तरफ से जारी की गयी है. अब जम्होर के बजाय इसे नगर पंचायत जम्होर कहा जायेगा. राज्यपाल के आदेश से सरकार के सचिव अभय कुमार सिंह द्वारा नगर पंचायत से संबंधित अधिसूचना जारी की गयी है. अधिसूचना में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 13537 आबादी को नगर पंचायत बनाने में आधार माना गया है. जम्होर के अलावा सरसौली पंचायत के कुछ गांवों को भी नगर पंचायत की आबादी में शामिल किया गया है. चौहद्दी की बात करें तो उत्तर में धनाव, धावा, गिजना, तेंदुआ, चिचमही, दुधैला, पुनपुन नदी, दक्षिण में शिवनाथपुर, जोकहरी, बटाने नदी, पूरब में पड़रावा, मोरडिहरी, पाठक बिगहा, महथू, शंकरपुर और पश्चिम में पौथू, रढुआ, चेतु बिगहा व दुधैला को आधार बनाया गया है. अधिसूचना में 9.17 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल नगर पंचायत का दर्शाया गया है.
नगर पंचायत से क्या होगा फायदा
जिन शहरों की जनसंख्या पांच हजार से 20 हजार तक होती है, वहां नगर पंचायत का गठन किया जाता है. इन नगरों को छोटे-छोटे भागों में बांटा जाता है, जिन्हें वार्ड कहते हैं. प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य उस वार्ड के मतदाताओं द्वारा निर्वाचित किया जाता है और चुने हुए सदस्य को पार्षद कहते हैं. प्रत्येक नगर पंचायत में एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष का भी चुनाव मतदाताओं द्वारा किया जाता है. नगर पंचायत का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी होता है. इसका कार्य नगर पंचायत के निर्णयों का पालन कराना होता है.
नगर पंचायत के आय के साधन
राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान व वित्तीय सहायता.
व्यापार, व्यवसाय व वाहनों पर कर लगाना.मकान, जमीन पर कर लगाना जिसे संपत्ति कर कहते हैं.
विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं पर लगाये गये जुर्माने से प्राप्त राशि.पानी व रोशनी की सुविधा के लिए शुल्क.
इन संस्थाओं की स्वयं की संपत्ति जैसे दुकान, भवन आदि से प्राप्त किराया.अनिवार्य कार्य
भवन निर्माण व भूमि के उपयोग की स्वीकृति देना. गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण व सफाई करवाना.बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए स्थान का विकास करना.
कमजोर वर्ग, विकलांग, मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों तथा समाज के अन्य वर्गों की सुरक्षा करना.नगर के सुव्यवस्थित विकास की योजना बनाना.
सड़कों तथा पुलों का रख-रखाव करना.पर्यावरण की सुरक्षा व शहर की सुंदरता के लिए पार्कों का निर्माण व पौधारोपण करवाना.
झोंपड़पट्टियों में जन सुविधाओं का विकास, गरीबी उन्मूलन के लिए कार्य, जन्म-मृत्यु का पंजीयन, श्मशान, कब्रिस्तान के लिए स्थान निर्धारित करना.आवारा पशुओं की रोकथाम करना व अग्निशमन के उपाय करना नगरीय संस्थाओं के अनिवार्य कार्य है.
प्रकाश व पेयजल की व्यवस्था करना.सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए योजना बनाना.
2012 में जम्होर बना था ग्राम पंचायत
अधिसूचित क्षेत्र समिति से वर्ष 2012 में जम्होर ग्राम पंचायत बना. दिसंबर के महीने में पंचायत का चुनाव कराया गया, जिसमें अलावती देवी पहली मुखिया बनी. 2016 में सुरेंद्र प्रसाद मुखिया बने और फिर 2021 में जनता ने पुन: अलावती देवी पर भरोसा जताया. वैसे जम्होर नगर पंचायत का दर्जा हासिल करने की तमाम शर्तों को पूरा करता है. जम्होर में ही अनुग्रह नारायण रेलवे स्टेशन है, जहां प्रतिदिन हजारों यात्रियों का आवागमन होता है. दर्जनों एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव होता है. जम्होर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी है. कई बैंकों की शाखा है. डाकघर की शाखाएं भी है. यहां प्रतिवर्ष सरकारी स्तर पर विष्णुधाम महोत्सव का आयोजन होता है. बटाने और पुनपुन के संगम होने की वजह से कार्तिक पूर्णिमा पर भव्य मेला का आयोजन होता है. लाखों श्रद्धालु स्नान-दान करने पहुंचते है. यही नहीं यहां पौराणिक विष्णुधाम मंदिर भी है. इसके अलावा जम्होर एक बड़ा ग्रामीण बाजार है. बड़ी बात यह है कि पितृपक्ष के दौरान जम्होर के ही पुनपुन नदी घाट पर पहला पिंड दान किया जाता है.
सीएम ने की थी घोषणा
जम्होर को नगर पंचायत बनाने की मांग वर्षों से उठ रही थी. तमाम अहर्ताओं को पूरा करने के बाद भी जम्होर नगर पंचायत से अछूता था. कई बार वहां के लोगों ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. यहां तक कि हस्ताक्षर अभियान भी चलाया. इसी वर्ष प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जम्होर को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी. अंतत: सीएम की घोषणा पर अमल हुआ और जम्होर नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त करने में सफल हो गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है