औरंगाबाद/मदनपुर. मदनपुर प्रखंड के उत्तरी उमगा पंचायत में स्वच्छता कर्मियों को मानदेय भुगतान छह महीनों से बंद पड़ा है, जिसके कारण उन्हें घर चलाने व परिवार का भरण पोषण करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई उत्तरी उमगा के अंतर्गत उमगा तालाब के दक्षिणी छोर पर डब्ल्यूपीयू का निर्माण किया गया, जिसमे 17 कर्मियों को चयनित किया गया है. स्वच्छता कर्मियों ने बताया कि दिसंबर तक वेतन मिला था, लेकिन उसके बाद जनवरी से उनका वेतन भुगतान नहीं हो पाया है. यहां तक कि होली जैसे त्योहार में भी लोगों को निराशा हाथ लगी थी. वे लोग वेतन भुगतान को लेकर मुखिया से बात करते है तो मुखिया द्वारा कहा जाता है कि उनका वेतन जिले से भुगतान किया जाता है. उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता है. वे लोग इसी के भरोसे कर्ज लेकर घर चलाते है कि वेतन भुगतान होगा तो वे लोग कर्ज चुकता कर देंगे. स्वच्छता कर्मियों ने बताया कि अगर उन्हें वेतन नहीं मिलता है, तो वे लोग काम छोड़कर हड़ताल पर चले जायेंगे. सुपरवाईजर बेबी देवी ने बताया कि वेतन भुगतान को लेकर मुखिया व बीडीओ से बात हुई थी लेकिन, उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है कि आज हो जायेगा तो कल हो जायेगा. स्वच्छता कर्मी वेतन को लेकर लगातार उन पर दबाव बनाते है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ अवतुल्य कुमार आर्य ने बताया कि स्वच्छता कर्मियों का वेतन भुगतान नहीं होने से उन्हे अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.उनका वेतन भुगतान सीएफएमएस के जरिये होता है.जहां चेक से वेतन भुगतान होना था वहां लोगों को वेतन मिल चुका है. सीएफएमएस बंद होने से वेतन भुगतान में देरी हो रही है. जैसे ही सीएफएमएस चालू होगा सभी का वेतन भुगतान हो जायेगा. वे लोग इसके लिए प्रयासरत है.
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