औरंगाबाद/अंबा. उत्तर कोयल मुख्य नहर का झारखंड प्रदेश स्थित पलामू जिलातंगर्त मोहम्मदगंज स्थित भीम बराज के 36 नंबर गेट का काउंटर वेट शुक्रवार की दोपहर में अचानक तीन फुट झुक गया है. इसके टूटने की भी संभावना बनी हुई है, यदि वह टूट जाता है तो 36 नंबर गेट के साथ 35 व 37 नंबर गेट को भी प्रभावित करेगा व फिर बराज में पानी का भंडारण संभव नहीं रह जायेगा. नहर के अधिनस्थ क्षेत्र में खरीफ फसल सिंचाई की संकट उत्पन्न हो सकती है. इस बात को लेकर विभागीय अधिकारी चिंतित हैं. काउंटर वेट झुकने की खबर मिलने से किसान असमंजस में पड़ गये. धान की फसल लगाने में उनके घर की सारी पूंजी खेत में चली गयी है. अगर नदी में दोबारा बाढ़ आता है, तो बराज का गेट नंबर 36 के साथ-साथ दोनों साइड के गेट को सुरक्षित रख पाना विभाग के लिए चुनौती होगी. हालांकि, प्रभात खबर अखबार में पिछले नौ जून को ही बराज का गेट डैमेज होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी. एग्जिक्यूटिव इंजीनियर विनीत प्रकाश ने बताया कि काउंटर वेट पर हीं गेट रहता है. यदि काउंटर वेट टूट जाता है, तो इसका हाल में कोई विकल्प नहीं है. झुकने के कारणों में उन्होंने तकनीकी कारणों से जोड़ा व पीआर क्षतिग्रस्त होने की भी संभावना जतायी. बराज के गेट में आयी इस तकनीकी खराबी को लेकर इससे जुड़े अधिकारी हैरान हैं.
बगैर सर्विसिंग कराये बराज बिहार को सुपूर्द कर दिया गया
बराज से लेकर नहर का 31.40 किलो मीटर कैनाल झारखंड के भूभाग में पड़ता है. मेनटेनेंश व सरंचनाओ को सुदृढ करने के लिए प्राक्कलन के अनुरूप 90 प्रतिशत राशि यहां की सरकार मुहैया कराती है. 10 प्रतिशत झारखंड को लगाना होता है. कोयल नहर से झारखंड क्षेत्र के काफी भूमि की सिंचित होती है. इस बार मेदनीनगर डिवीजन ने बगैर सर्विसिंग कराये उक्त बराज बिहार को सुपूर्द कर दिया है.
पहले से डैमेज है बराज का काउंटर वेट
बराज के मेनटेनेंश के प्रति मेकेनिकल विभाग अब तक बिल्कुल संवेदनशील नहीं है. इस बार गेट का मेनटेनेंश नहीं किया गया है. उक्त बराज के डाउन साइड में 40 गेट लगे हुए है. गेट नंबर 19 पहले से टर्न है. वह अपरेट नहीं होता है. गेट नंबर 36 खराब है. वर्ष 2016 के 16 अगस्त की रात्रि में कोयल नदी में 7.79 लाख क्यूसेक बाढ़ आयी थी, इससे गेट नंबर 4, 5, 19, 21, 25 व 36 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. अन्य गेटो को ठीक करा दिया गया. गेट नंबर 19 और 36 अभी भी यथावत है. शेष गेट जंग लगने से सड़ रहा है. जानकारी अनुसार गेट का गेयर बॉक्स व ड्रम बॉक्स के साथ-साथ रस्सी की सर्विसिंग करायी गयी थी. इस दौरान आयलिंग ग्रिसिंग, कैडनियम कंपाउंड, गेट वेयरिंग, रबर सील आदि का काम बाकी रह गया है. कंट्रोल रूम में कंट्रोल पैनल के लिए फूली एसी होना चाहिए,जो नहीं है. किसी तरह से गेट ऑपरेट होता है.यथाशीघ्र ठीक कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा
बराज का काउंटर वेट झुकने की सूचना मिली है. इसके बाद तुरंत साइड विजीट कर बराज के गेट नंबर 36 का मुआयना किया गया. इस बात की जानकारी कमिश्नर व सेकेट्ररी स्तर पर पहुंचायी गयी है. मॉनीटरिंग से भी रिक्वेस्ट किया गया है. जल संसाधन विभाग क्षतिग्रस्त गेट को यथाशीघ्र ठीक कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.अर्जुन सिंह, चीफ इंजीनियर, जल संसाधन विभागB
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है