दाउदनगर. नगर पर्षद दाउदनगर के वर्तमान बोर्ड के कार्यकाल के दो वर्ष पूरे हो चुके है. इन दो वर्षों के दौरान शहर में कई विकासात्मक कार्य देखने को मिले है तो वहीं शहर के कई इलाकों में जन समस्याएं अभी भी दिखती है. इसका नजारा शहर के वार्ड संख्या दो और तीन स्थित बालूगंज रोड में देखा जा सकता है. जहां सड़क पर ही नाली का पानी बह रहा है. लंबी दूरी तक जल जमाव का नजारा देखने को मिल रहा है. दाउद खां के किला के पश्चिमी द्वार से बालूगंज जाने वाली सड़क जाती है जो बालूगंज होते हुए सोनतटीय इलाके तक जाती है. बालूगंज इलाके में एक हजार से भी अधिक की संख्या में आबादी निवास करती है. इस इलाके में अत्यंत प्राचीन बुढ़ा महादेव मंदिर स्थित है, जहां प्रतिदिन काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. एक प्राथमिक विद्यालय स्थित है. इस इलाके के निवासी प्रतिदिन बाजार करने के लिए इसी रास्ते से होकर आवागमन करते है. लोगों का कहना है कि करीब एक सप्ताह से निरंजन महतो के घर से डॉ विश्वनाथ पांडेय के घर तक सड़क पर भीषण जल जमाव का नजारा देखने को मिल रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि रामाशीष मेहता के घर से कइल तांती के घर होते हुए हरी चौधरी के घर तक नगर पर्षद द्वारा विभागीय स्तर पर कार्य कराते हुए नाला का निर्माण कराया गया है. हरी चौधरी के घर से सामुदायिक भवन तक नाला का निर्माण नहीं कराया गया. अब टेंडर में भेजे जाने की बात कही जा रही है. लोगों का सवाल यह है कि जनहित को देखते हुए नगर पर्षद द्वारा उतनी परिधि में नाला का निर्माण विभागीय स्तर पर कराया गया तो फिर छुटे हुए भाग में रोकने का औचित्य क्या था. अगर रोक भी दिया गया तो जल जमाव जैसी समस्या से निबटने के लिए नगर पर्षद को सकारात्मक पहल करनी चाहिए थी. इसी तरह का सवाल दोनों वार्डों के वार्ड पार्षदों का भी है.
करीब 50 एकड़ की खेती प्रभावित
वार्ड संख्या दो के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि सत्येंद्र कुमार का कहना है कि वार्ड संख्या तीन, चार, पांच व छह के नाली व नाला का पानी इस इलाके से होकर गुजरता है. जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण वार्ड संख्या दो में लगभग 50 एकड़ खेती प्रभावित हो रही है. पिछले वर्ष धान की फसल डूब गयी. गेहूं की बुआई नहीं हो पायी. जेठुआ फसल नहीं लग सकी. इस बार भी खरीफ फसल नहीं लग पायेगी़ नाला का निर्माण कर सोन तटीय इलाके की ओर ले जाने की जरूरत है. तभी जल निकासी हो सकेगी. दुर्गापूजा के समय भी सड़क पर जल जमाव व्याप्त था तो जनहित को देखते हुए पानी का बहाव वार्ड संख्या दो के खेतों की तरफ किया गया था तथा आश्वासन दिया गया था कि तीन माह में नाले का निर्माण पूरा कर इसका समाधान किया जायेगा. लेकिन आठ-नौ महीना बीत जाने के बाद भी नाला का निर्माण नहीं हो सका.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है