Bihar News, मनीष राज सिंघम, औरंगाबाद: राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर पुलिस का धौंस दिखाकर ट्रकों से अवैध वसूली कर रहे फर्जी डीटीओ और एमवीआई सहित तीन शातिर पुलिस के हत्थे चढ़ गये. उनके पास से 5300 रुपये नकद, कई मोबाइल व आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया है. पकड़े गये शातिरों में छपरा जिले के मढौरा थाना क्षेत्र के भुआलपुर कोजी गांव निवासी अखिलेश्वर प्रसाद यादव के पुत्र और चालक अभिषेक कुमार ( 20), दिघवारा थाना क्षेत्र के विशनपुर गांव निवासी बाबुलाल राय के पुत्र सूरज कुमार (27) और रविंद्र राय के पुत्र विवेक कुमार (23 ) शामिल है.
असली पुलिस देख भागने लगे शातिर
बारुण थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि बारुण ब्लॉक मोड़ के समीप पुलिस की गाड़ी से तीन व्यक्ति वाहनों से अवैध वसूली कर रहे है. सूचना के बाद गश्ती पर रहे दारोगा करण दल –बल के साथ वहां पहुंचे और जैसे ही पूछताछ की कोशिश की, वैसे ही वाहन लेकर सभी भागने लगे. पुलिस की टीम ने खदेड़कर उन्हें पकड़ लिया.पूछताछ के दौरान पूरा मामला फर्जीवाड़ा से संबंधित निकला. जांच और पूछताछ के क्रम में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. दारोगा करण के बयान पर बारुण थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
प्राथमिकी में लिखा गया है कि एक मार्च को गृहरक्षक धीरेंद्र सिंह , डोमन यादव , सीता राम सिंह के साथ दिवा गश्ती एवं शराब के विरुद्ध छापेमारी के लिए निकला था. इसी क्रम में गुप्त सूचना मिली की पुलिस लिखा हुआ एक उजले रंग की स्कॉर्पियो से तीन व्यक्ति एनएच-19 पर बारुण ब्लाक मोड के समीप वाहनों से अवैध वसूली कर रहे है. सूचना की जानकारी वरीय पदाधिकारी को देते हुए बारुण ब्लॉक मोड के समीप पहुंचा तो पुलिस गाड़ी को देख कर तीनों व्यक्ति ब्लॉक रोड की तरफ गाडी घुमाकर भागने लगे. पीछा कर ब्लॉक गेट के समीप स्कार्पियो को रोककर तीनों व्यक्तियों को दबोच लिया.

काले शीशे की आड़ में फर्जी साहब करते थे वसूली
एनएच 19 पर बारुण थाना क्षेत्र के ब्लॉक मोड़ के समीप छपरा के पकड़े गये नकली डीटीओ ,एमवीआई व चालक बेहद शातिर थे. अपने आप पर पुलिस का रंग पूरी तरह चढ़ाकर रखते थे. धौंस दिखाना उनकी आदत सी बन गयी थी. बड़ी बात यह है कि अभिषेक, सूरज और विवेक तीनों जिगरी दोस्त थे. खासकर अभिषेक जो वाहन चलाता था, वह बेहद शातिर था और अपने मन मुताबिक काम कराता था. उनके पास से उजले रंग की जो स्कॉर्पियो वाहन बरामद की गयी है उससे उनके शातिराना कार्यों को बल मिलता है. वाहन की जांच की गयी तो उसके शीशे पर पूरी तरह काला प्लास्टिक का फिल्म चढ़ा हुआ एवं आगे एवं पीछे शीशे पर पुलिस लिखा हुआ पाया गया.
जाम में शायरन का करते थे उपयोग
बोनट के नीचे सायरन, गाड़ी में एक हैंड स्पीकर माइक, गाडी के आगे शीशे के नीचे लाल एवं ब्लू जलने वाला बत्ती भी पाया गया है. गाड़ी के पीछे सीट के नीचे एक डंडा रखा हुआ था. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीटीओ व एमवीआई बनने में शातिरों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. कहीं जाम लग जाता तो शायरन का वे उपयोग करते थे. गाड़ी में रखे डंडे से धौंस जमाते थे. गाड़ी के बोनट पर ईजन व चेचिस नंबर गलत तरीके से पंच किया हुआ पाया गया.
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हर दिन 10 से 15 हजार की कमाई
शातिरों के स्कॉर्पियो वाहन में ब्लू बत्ती लगी हुई थी. रात्रि में जब ये ब्लू बत्ती जलाते हुए हाइवे पर निकलते थे तो ट्रक चालक पुलिस समझकर रूक जाते थे. यहां तक कि हाइवे के बीच में खड़े होकर ये वाहनों को रोकते थे. वाहन रूकने के बाद इनका अवैध वसूली शुरू हो जाता था. ट्रक चालकों को धमकाकर पैसे वसूलते थे. हर दिन 10 से 15 हजार रुपये की कमाई हो रही थी. पुलिस को जिस तरह से उक्त शातिरों ने जानकारी दी है उससे पता चलता है कि अवैध वसूली का धंधा वे पहले से कर रहे थे.

जांच में चोरी की निकली वाहन
शातिरों के पास बरामद की गयी स्कॉर्पियो वाहन की प्रारंभिक जांच की गयी तो पता चला कि कोजी गांव निवासी अखिलेश्वर प्रसाद यादव की गाड़ी थी. औरंगाबाद की संबंधित एजेंसी से वाहन की जांच करायी गयी तो चेचिस नंबर एवं बॉडी में भिन्नता पायी गयी. तीनों से पूछताछ की गयी तो अभिषेक कुमार द्वारा बताया कि गाडी चोरी की है तथा दो वर्ष पहले हाजीपुर के कबीर सिंह से दो लाख में खरीदी गयी थी. पूर्व में भी कबीर सिंह से चोरी की कई गाड़ियों की खरीद -बिक्री की गयी थी.
पुलिसिया पूछताछ में बताया कि उक्त गाड़ी से अपने दोस्त सूरज कुमार और विवेक कुमार के साथ मिलकर एनएच 19 और एनएच 139 के साथ-साथ जहानाबाद, सासाराम में हाईवे पर नकली पुलिस एवं डीटीओ व एमवीआई बनकर ट्रक चालको से 100, 200 तथा 500 सौ रूपये की वसूली करता था. बारुण थानाध्यक्ष रामइकबाल ने बताया कि पुलिस पदाधिकारी करण के बयान पर कांड संख्या 89/25 के रूप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वाहन व उनके पास से बरामद मोबाइल की जांच की जा रही है.
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