अंबा. कुटुंबा के शिक्षक चंद्रशेखर प्रसाद साहू द्वारा लिखित आलेख ”कच्चा आम पक्का आम” बिहार शिक्षा परियोजना परिषद एवं इंडिया पार्टनरशिप फॉर अर्ली लर्निंग द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित की गयी है. श्री साहू वर्तमान में मिडिल स्कूल कुटुंबा में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. वर्ष 2020 में इन्हें राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इनके द्वारा पूर्व में दो पुस्तक प्रकाशित की गई है, जिसमें आलेख संकलन के रूप में ”परिवेश और जीवन मूल्य” तथा कहानी संग्रह के रूप में ”मुक्ति अभी शेष है” शामिल है. उन्होंने बताया कि 2022 में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा पटना में कार्यशाला आयोजित की गयी थी, जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों से चयनित शिक्षक शामिल हुए थे. उक्त कार्यशाला में रूम टू रीड संस्था द्वारा अलग-अलग कहानी का संकलन किया गया था. इस क्रम में उनके द्वारा बिहार में बड़ी चाव से खाने वाले फल के बारे में कच्चा आम- पक्का आम कहानी प्रस्तुत की गई थी. इसे विभाग द्वारा चयनित कर लिया गया. विभाग द्वारा उक्त पुस्तक करूणोदय फाउंडेशन द्वारा 15 पृष्ठ में सचित्र प्रकाशित कराई गई है, जिसमें छोटी सी बच्ची पम्मी द्वारा कच्चे आम को पक्के आम के रूप में पीला करने के लिए हल्दी का घोल तैयार कर ऊपर से रंगने और फिर उसे खाने का वर्णन किया गया है. इस सचित्र पुस्तक में चित्रकार गोविंद विश्वकर्मा द्वारा चित्र की प्रस्तुति दी गई है, जिन्हें भारत सरकार द्वारा जूनियर फैलोशिप प्रदान किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में यह पुस्तक सभी जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान में भेज दिया गया. साथ ही विद्यालय में भी भेजने की तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है. इस पुस्तक के माध्यम से छोटे बच्चे बेहतर तरीके से अध्ययन कर सकेंगे. पुस्तक को प्राइवेट विद्यालय में चलने वाले पुस्तक की तरह मोटे कार्ड में बड़े-बड़े चित्रों के साथ तैयार किया गया है, जो काफी आकर्षक है. श्री साहू द्वारा लिखित पुस्तक विभाग के माध्यम से प्रकाशित किए जाने पर शिक्षक समुदाय में हर्ष है. वही समकालीन जवाबदेही पत्रिका के संपादक डा सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने भी हर्ष जताते हुए इसे सराहनीय बताया है. उन्होंने बताया कि औरंगाबाद के शिक्षक समुदाय के लिए यह गर्व की बात है.
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