औरंगाबाद नगर.
नवीनगर के गजनाधाम में निर्माणाधीन मंदिर वास्तु कला का विशिष्ट उदाहरण होगा. मंदिर की एक अलग पहचान होगी. मंदिर की महत्ता को प्रचारित–प्रसारित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. ये बातें सूर्य मंदिर निर्माण समिति गजना की आयोजित बैठक में सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने कहीं. अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष व महंत अवधविहारी दास ने की. सचिव ने कहा कि वास्तुकला में विशिष्टता लिए एक दिव्य व भव्य सूर्य मंदिर का निर्माण गजनाधाम में कराया जा रहा है, जो पूरे झारखंड और बिहार में आकर्षण का केंद्र होगा. करीब दो करोड़ की लागत से बनने वाली इस मंदिर का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर प्रारंभ कर दिया गया है. हालांकि, इसके वास्तुकला व निर्माण कार्य को और उत्कृष्ट बनाने तथा निर्माण कार्य को और गति प्रदान करने के लिए 25 मई को धाम परिसर में बिहार-झारखंड के समाजसेवियों व मंदिर विशेषज्ञों की एक समीक्षा बैठक आहूत की गयी है. बैठक में प्राप्त सुझावों को स्वीकार कर मंदिर को और उत्कृष्ट बनाने का प्रयास किया जायेगा. बैठक की जिम्मेवारी स्थानीय मुखिया जयप्रकाश सिंह, पूर्व मुखिया अभय कुमार सिंह, भृगुनाथ सिंह, शिवलोक सिंह व विंध्याचल सिंह को दी गयी है. बैठक में इंजीनियर अरुण कुमार सिंह ने मंदिर निर्माण के तकनीकी पक्ष से अवगत कराया. बैठक में न्यास समिति सदस्य अरुण मेहता, संजय कुमार सिंह, अमीत राय, जयराम सिंह, जितेंद्र वर्मा, राकेश कुमार, सुनील पासवान आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है