आत्मा अध्यक्ष ने पर्यावरण संतुलन का दिया संदेश
प्रतिनिधि,
ओबरा.
जैसे-जैसे रक्षाबंधन के त्योहार की तिथि नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे बाजारों में राखी की बिक्री होने लगी है. दूर-दराज के शहरों में रहने वाले भाइयों के लिए बहनों ने कूरियर या अन्य साधनों के माध्यम से राखी को भेजना शुरू कर दिया है. राखी की डिमांड भी बढ़ती दिख रही है. रंग-बिरंगी राखियों के बजाय खास राखियों को भी तवज्जो दी जा रही है. अगर, राखी जैविक हो, तो इसके क्या कहने. ओबरा प्रखंड के रतवार गांव निवासी व ओबरा कृषि कार्यालय के आत्मा अध्यक्ष रामाधार मेहता ने मोटे अनाज व जैविक साधनों के बल पर एक अलग राखी का निर्माण किया है. इसके पीछे पर्यावरण संतुलन को भी तवज्जो दी गयी है. मडुआ, बाजरा, मक्का, धान सहित अन्य बीजों से राखियों का निर्माण किया है. राखी के माध्यम से उन्होंने उक्त सामग्री की खेती को बढ़ावा देने और स्वरोजगार के साथ-साथ घर परिवार को खुशहाल बनाने का संदेश दिया है. ज्ञात हो कि आत्मा अध्यक्ष रामाधार मेहता को कृषि विभाग की ओर से किसान दिवस के अवसर पर वर्ष 2023 में गोपाल नारायण विश्वविद्यालय जमुहार तथा राष्ट्रीय किसान सम्मेलन सह किसान मेला 2025 में भागलपुर जिले के सबौर में सम्मानित किया गया था. इधर, किसान वीरेंद्र मेहता, राजेंद्र सिंह, अशोक मेहता, सुरेश सिंह, रामकुमार आदि ने कहा कि मोटे अनाजों की राखी लोगों की पसंद बनेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है