प्रभात खास
गोह, हसपुरा, ओबरा व कुटुंबा को नगर पंचायत बनाने योजना पर चल रहा कामडीएम ने चारों प्रखंडों के संबंधित पदाधिकारियों से मांगा प्रतिवेदन
नगर पंचायत के गठन से जिले में शहरीकरण को मिलेगा बढ़ावाप्रतिनिधि, औरंगाबाद/दाउदनगर
हाल के वर्षों में छोटे-छोटे बाजारों का विस्तार हुआ है. छोटा बाजार बड़े बाजार के रूप में तब्दील हो गये हैं, लेकिन उसके अनुरूप वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. अब सरकार ऐसे बाजारों को विकसित करते हुए शहरीकरण की योजना बना रही है. इसी क्रम में पिछले दिनों औरंगाबाद जिले के जम्होर को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है. मदनपुर को नगर पंचायत बनाने की योजना है. इससे कुछ वर्ष पहले बारुण व देव को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया, जहां नगर सरकार कार्य कर रही है. वर्तमान में जिले में दो नगर पर्षद (औरंगाबाद व दाउदनगर) व चार नगर पंचायत (रफीगंज, नवीनगर, देव व बारुण) हैं. अब औरंगाबाद जिले में चार और नये नगर पंचायत बन सकते हैं. जिले के गोह, हसपुरा, कुटुंबा व ओबरा पंचायत यानी प्रखंड मुख्यालय को नगर पंचायत का दर्जा मिल सकता है. इसके लिए डीएम ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, संबंधित प्रखंडों के बीडीओ व सीओ से नगर पंचायत के रूप में गठन किये जाने से संबंधित प्रस्ताव की मांग की गयी है. डीएम द्वारा भेजे गये पत्र में कहा है कि बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा तीन के अंतर्गत यदि गोह, हसपुरा, कुटुंबा, ओबरा नगर पंचायत बनने से संबंधित सभी मानकों को पूरा करते हों तो नगर पंचायत गठन किये जाने के लिए जनगणना 2011 के अनुसार प्रस्ताव एवं उसके साथ उसकी सीमा, चौहद्दी, थाना नंबर आदि के आधार पर विहित प्रपत्र (मूल) में नजरी नक्शा सहित प्रस्ताव उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. डीएम के पत्र के साथ नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा सरकार के सचिव अभय कुमार सिंह द्वारा सभी डीएम को लिखित पत्र की प्रतिलिपि भी संलग्न की गयी है. इस पत्र के अनुसार राज्य में नये नगर निकायों के गठन तथा पुराने नगर निकायों को उत्क्रमण एवं क्षेत्र विस्तार के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है.छोटे बाजारों का हुआ विस्तार
पत्र में कहा गया है कि कई छोटे-छोटे बाजारों का विस्तार हुआ है, जो बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 3 एवं 7 के आलोक में नगर निकायों के गठन की अर्हता को पूरा करता है. साथ ही वर्तमान में राज्य के छोटे प्रगतिशील शहरीनुमा क्षेत्रों का शहर में तब्दील होने के पश्चात नगर पंचायत को नगर पर्षद के रूप में तथा राज्य के कुछ बड़े नगर पर्षदों को नगर निगम के रूप में उत्क्रमित किये जाने के संबंध में विचार किया जा सकता है. इसके अलावा कई नगर निकायों के शहरी क्षेत्र का विस्तारीकरण के फलस्वरुप उनके क्षेत्र विस्तार पर भी विचार किया जा सकता है. जानकारी के अनुसार 12 हजार से 40 हजार की जनसंख्या पर नया नगर पंचायत गठित किया जाना है.प्रतिवेदन के साथ देना है प्रपत्र
पत्र में शहर का नाम, नगर निकाय में सम्मिलित किये जाने वाले गांवों का नाम व थाना नंबर, जिला का नाम, प्रस्तावित नगर निकाय का क्षेत्रफल (वर्ग किलोमीटर में), नक्शा संलग्न करने के साथ प्रस्तावित नगर निकाय की चौहद्दी वर्ष, 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या, प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या का घनत्व, प्रस्तावित नगर निकाय में कुल कर्मियों की जनसंख्या, दीर्घकालीन व अल्पकालिक काश्तकार (कृषि) कर्मियों की जनसंख्या, प्रस्तावित क्षेत्र को नगर निकाय घोषित किये जाने का औचित्य, संसाधन व आय के स्रोत, आवर्ती व अनावर्ती संभावित व्यय का विवरण, संभावित अवधि जिसके अंतर्गत नगर निकाय अपना खर्च स्वयं वहन करने में सक्षम हो सकेगा, प्रारंभिक खर्च के लिए राशि, प्रस्तावित नगर निकाय के अंतर्गत कार्यरत ग्राम पंचायत का नाम अंकित करना है. साथ ही यह भी अंकित करना है कि क्या प्रस्तावित नगर निकाय बिना किसी बाह्य वित्तीय व्यवस्था के मूलभूत नागरिक सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम हो सकेगी. इसके साथ डीएम की अनुशंसा रहेगी.क्या होगा लाभ
छोटे प्रगतिशील शहरी नुमा क्षेत्र को नगर पंचायत के रूप में अधिसूचित किये जाने से उन क्षेत्रों में नगर निकायों द्वारा दी जाने वाली सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध करायी जा सकेगी. साफ-सफाई, समुचित ड्रेनेज, जलापूर्ति, कूड़ा उठाव, कचरा संग्रहण, स्ट्रीट लाइट, रोशनी सहित नगर निकाय में उपलब्ध कराई जाने वाली सभी सुविधाएं शामिल हैं. यह सुविधा इन नगर पंचायत वाले क्षेत्रों में भी उपलब्ध होगी, जिससे पूरे लोगों को नगरीय सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. साथ ही ऐसे नगर निकायों के लोगों को शहरी क्षेत्र में लागू अन्य सभी योजनाओं का लाभ भी लोगों को प्राप्त हो सकेगा. नवगठित नगर निकायों का मास्टर प्लान बनाकर सुनियोजित रूप से विकास किया जा सकेगा. अगर नगर पंचायत के रूप में अधिसूचित करने की अधिसूचना सरकार द्वारा जारी हो जाती है, तो नवगठित नगर पंचायत की नगर सरकार होगी. सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के तहत वार्डों का निर्धारण किया जायेगा. नगर पंचायत को कई वार्ड में विभक्त किया जायेगा. संबंधित वार्डों के लिए वार्ड पार्षद का चुनाव होगा, जबकि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव आम मतदाताओं द्वारा किया जायेगा.चारों प्रखंड मुख्यालय हैं प्रगतिशील
गोह, हसपुरा, ओबरा व कुटुंबा प्रखंड मुख्यालय प्रगतिशील बाजार हैं. खुद इन पंचायतों की आबादी भी 13000 से अधिक मानी जाती है. वहां दिन भर भीड-भाड़ और चहल-पहल बढ़ी रहती है. ये चारों प्रखंड मुख्यालय यदि नगर पंचायत की श्रेणी में आते हैं, तो उसके अनुरूप मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी और शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा. अब देखना यह होगा कि संबंधित पदाधिकारी द्वारा प्रस्ताव तैयार कर कब तक डीएम को भेजा जाता है.दाउदनगर नगर पर्षद के विस्तार की है योजना
दाउदनगर नगर पर्षद के विस्तार की भी योजना है. इसके लिए डीएम द्वारा प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार,तरारी पंचायत के तरारी थाना नंबर 50 को नगर पर्षद क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है