सावन में कांवरियों की भीड़, लेकिन सुरक्षा नदारद
पंजवारा. सावन महीने में भागलपुर-हंसडीहा एनएच 133 (ई) कांवरियों का प्रमुख मार्ग बन जाता है. इसी मार्ग से कांवरिया जल लेकर बासुकीनाथ व अन्य शिवालयों की ओर प्रस्थान करते हैं, लेकिन सावन में भी इस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी सामने आ रही है. बाराहाट थाना क्षेत्र के मधुसुदनपुर स्थित इंडेन गैस बॉटलिंग प्लांट के पास एनएच के दोनों किनारों पर दर्जनों गैस टैंकर खड़े रहते हैं. इन बेतरतीब खड़े टैंकरों से हाईवे सकरा हो गया है, जिससे हादसों का खतरा काफी बढ़ गया है. राहगीरों, दोपहिया चालकों और कांवरियों को इस मार्ग से गुजरते समय डर बना रहता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वाहन चालकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होने के बावजूद टैंकर सड़क के किनारे ही खड़े किए जाते हैं. इससे आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई सिर्फ कागजों में सीमित रह जाती है.रात में और बढ़ जाता है खतरा
रात के समय यह मार्ग और भी खतरनाक हो जाता है. खड़े टैंकरों में न तो पार्किंग लाइट होती है और न ही कोई रेडियम संकेतक. ऐसे में पीछे से आ रहे तेज रफ्तार वाहन अक्सर टकरा जाते हैं. कई मामलों में लोगों की जान जा चुकी है. बावजूद इसके संबंधित विभाग कोई सख्त कार्रवाई नहीं करता.कई बार कार्रवाई के बावजूद हालात जस की तस
स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस ने कई बार चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की है, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा है. हाईवे पर 24 घंटे ट्रक व टैंकरों की लंबी कतारें लगी रहती हैं, जिससे जाम की स्थिति बन जाती है. खासकर रविवार को जब कांवरियों की भारी भीड़ होती है, तब स्थिति और बिगड़ जाती है.
थानाध्यक्ष ने दिया चेतावनी पत्र
बाराहाट थानाध्यक्ष महेश कुमार ने बताया कि गैस बॉटलिंग प्लांट के प्रबंधक को लिखित रूप से निर्देश दिया गया है कि टैंकरों को सड़क के किनारे न खड़ा किया जाय. चालकों को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि पार्किंग स्थल पर ही वाहन खड़ा करें. आदेश की अवहेलना करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है