ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कचरा के प्रसंस्करण एवं निबटान के लिए कंपोस्ट पिट और मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर की स्थापना के लिए नगर निगम प्रशासन को अब तक उपयुक्त जमीन नहीं मिल सकी है. इसके लिए निगम को 7.5 एकड़ समेकित भूमि की आवश्यकता है. अगर यह जमीन 4.0 एकड़ और 3.5 एकड़ के दो अलग-अलग टुकड़ों में भी उपलब्ध होती है, तब भी स्वीकार की जायेगी.
हालांकि, इस परियोजना के लिए किसी भी निजी या सरकारी स्तर से भूमि लीज पर देने को लेकर कोई रुचि नहीं दिखायी गयी. नतीजतन, पहले जारी आमंत्रण सूचना (निविदा) को रद्द करना पड़ा है. निगम प्रशासन ने अब एक बार फिर से निविदा आमंत्रित की है. नयी निविदा के तहत इच्छुक आवेदक 8 जुलाई से 15 जुलाई तक निविदा से संबंधित कागजात डाउनलोड कर सकते हैं. प्री-बिड मीटिंग 10 जुलाई को आयोजित की जायेगी, जबकि तकनीकी और वित्तीय बिड खोलने की तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गयी है.
निगम अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना के शुरू होने से कचरा निपटान की मौजूदा समस्या का समाधान संभव होगा. साथ ही स्वच्छता अभियान को भी मजबूती मिलेगी. फिलहाल निगम प्रशासन भूमि की तलाश में है और एक बार फिर उम्मीद जतायी जा रही है कि इस बार कुछ प्रस्ताव सामने आयेंगे.गंगा नदी से आधा किमी दूर चाहिए जमीन
निगम प्रशासन को जिस जमीन की तलाश है, वह गंगा एवं उसकी शाखा नदी से आधा किमी और अन्य नदी से 100 मीटर, तालाब से 200 मीटर एवं राजमार्ग, आवास स्थलों, सार्वजनिक उद्योगों व जल आपूर्ति कुओं से 200 मीटर की दूरी पर चाहिए. यह भी शर्त है कि भूमि दलदली नहीं होनी चाहिए. भूमि जलजमाव से ग्रसित भी नहीं रहे. ऐसी शर्तों की वजह से अबतक कोई सामने नहीं आया है.ये रहेगा किराया
लीज की स्थिति में भूमि का क्रय बाजार दर की अधिसीमा पर किया जायेगा. लीज की स्थिति में प्रत्येक 3000 वर्गफीट का किराया अधिकतम 15000 रुपये प्रति माह देय होगा. भूस्वामियों से प्राप्त दस्तावेज एवं भूमि की भौमिक सत्यापन के पश्चात भूमि लीज व क्रय करने का निर्णय लिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है