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Bihar Airport: 23 करोड़ खर्च होने के बाद भी 8 साल से उड़ान शुरू करने की कोशिश नाकाम, सुविधाएं सिर्फ कागजों पर

Bihar Airport: भागलपुर हवाई अड्डा एक ऐसे आधुनिक एयरपोर्ट का उदाहरण बन गया है, जहां सुविधाएं केवल संकेतक बोर्डों पर मौजूद हैं, जबकि जमीन पर यात्रियों को सिर्फ प्रतीक्षा और भ्रम की सौगात मिलती है. बीते आठ वर्षों में इस हवाई अड्डे को सजाने-संवारने पर 23 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन उड़ान अब तक एक सपना बनी हुई है.

Bihar Airport: भागलपुर हवाई अड्डा में दाखिल होंगे, तो गति सीमा का पालन करेंगे. आकस्मिक चिकित्सा की जरूरत पड़ेगी तो वहां अस्पताल की भी सुविधा मिलेगी. रेस्टोरेंट भी दिख जायेगा. पैदल पार करने के लिए जेब्रा क्राॅसिंग का उपयोग निश्चित करना होगा. यह हम नहीं, वहां नियम का पालन कराने के लिए लगाये गये सांकेतिक बोर्ड बता रहा है. दरअसल, कदम रखते ही आपको लगेगा कि आप किसी आधुनिक एयरपोर्ट पर आ गये हैं. गति सीमा पालन करने का बोर्ड दिखेगा, फिर आकस्मिक चिकित्सा के लिए अस्पताल की सुविधा का संकेत मिलेगा. थोड़ी दूर पर रेस्टोरेंट का भी बोर्ड दिखायी देगा. पैदल यात्रियों के लिए जेब्रा क्रॉसिंग का पालन करने की अनिवार्यता भी साफ तौर पर बतायी गयी है.

M 4 हवाई अड्डा में कोई सुविधा बहाल नहीं साईकिल चालक के अलावा
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कागजों पर हुआ है सारा काम

इस आकर्षक सांकेतिक बोर्ड और व्यवस्था के पीछे की हकीकत कुछ और ही है. भले ही सांकेतिक बोर्ड यह सारी सुविधाएं उपलब्ध होने का दावा कर रहे हों, वास्तव में वहां लाउंज और एक चापाकल को छोड़कर कोई अन्य सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसा लगता है कि हवाई सफर के लिए पहुंचने वाले यात्रियों को नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए तो कहा जा रहा है, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के नाम पर उन्हें सिर्फ बोर्डों का भ्रम दिखाया जा रहा है. यह स्थिति दर्शाती है कि हवाई अड्डे को चमकाने की कवायद सिर्फ कागजों और बोर्डों तक ही सीमित है, जमीनी स्तर पर यात्रियों को अभी भी सुविधाओं का इंतजार है.

हवाई अड्डे को सुधारने की कोशिश विफल

तकरीबन आठ साल की लगातार कोशिश और 23 करोड़ रुपये से अधिक की भारी-भरकम राशि खर्च करने के बावजूद भागलपुर से हवाई सेवा शुरू नहीं हो सकी है. इस दौरान हवाई अड्डे को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गयी है. भवन निर्माण विभाग के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता तारिणी दास और इसके बाद वाले कार्यपालक अभियंता के कार्यकाल से लेकर हाल के छह महीनों के अंदर स्मार्ट सिटी और पीडब्ल्यूडी ने पानी की तरह पैसा बहाया है. बावजूद, इसके भागलपुर का हवाई अड्डा हवाई उड़ान का इंतजार ही कर रहा है. यह स्थिति सरकारी प्रयासों और खर्चों की सार्थकता पर सवाल खड़े करती है. अबतक में करीब 23 करोड़ की राशि हवाई अड्डा को सुधारने पर खर्च हुई है.

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खर्च राशि

भवन निर्माण विभाग: 05 करोड़ रुपये(दो-तीन टर्म में)
स्मार्ट सिटी लिमिटेड: 14.10 करोड़ रुपये
पीडब्ल्यूडी : 04 करोड़ रुपये

हवाई अड्डा में आना-जाना बेरोकटोक जारी

हवाई अड्डा में आम लोगों का आना-जाना बेरोकटोक जारी है. हालांकि, अभी थोड़ी सख्ती बरती जा रही है लेकिन, इसकी परवाह लोगों को नहीं है. आना-जाना अभी भी जारी है. जबकि, मेन गेट बंद रहता है. कोई साइकिल तो कोई मोटरसाइकिल लेकर आ-जा रहा है. वहीं, असामाजिक तत्वों द्वारा फिर से चहारदीवारी को तोड़ कर गेट बनाने की कोशिश हो रही है हालांकि, अभी इसमें वह सफल नहीं हो सका है. हवाई अड्डा के दक्षिण की ओर से गेट बनाने के लिए प्रयासरत है.

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Paritosh Shahi
Paritosh Shahi
परितोष शाही डिजिटल माध्यम में पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में एक्टिव हैं. करियर की शुरुआत राजस्थान पत्रिका से की. अभी प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश और राज्य की राजनीति, सिनेमा और खेल (क्रिकेट) में रुचि रखते हैं.

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