मतदाता गहन पुनरीक्षण के विरोध में इंडिया-महागठबंधन की ओर से बुधवार को आहूत बिहार बंद भागलपुर के मुख्य बाजार में असरदार रहा. जबकि अन्य स्थानों पर मिलाजुला असर रहा. मुख्य बाजार में 30 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ. एहतियात के तौर पर मुख्य बाजार की अधिकतर दुकानें बंद रही, तो चौक-चौराहे की दुकानें भी बंद रही. हालांकि सड़कों पर चहल-पहल बनी रही. फिर भी 50 फीसदी से अधिक टोटो व ऑटो वाले भी नहीं निकले. बंद को सामाजिक न्याय आंदोलन, जन अधिकार पार्टी, बहुजन स्टूडेंट यूनियन आदि जन संगठनों का समर्थन था. बंद समर्थक टोलियों में पैदल व बाइक पर सवार होकर घूम-घूम कर बंद करा रहे थे. इस दौरान कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं घटी. बंद समर्थक सुबह 8 बजे से ही सड़कों पर उतर गये थे. स्टेशन चौक पर एक नुक्कड़ सभा का भी आयोजन किया गया था. इसमें वक्ताओं ने मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम को वापस लेने की मांग की. सूजागंज, खलीफाबाग, मारवाड़ी टोला, वेरायटी चौक आदि जगहों पर छिटपुट दुकानें खुली. डीएन सिंह रोड पर फुटपाथी बाजार लगता है जिसमें लाखों का कारोबार होता है. बंद की वजह से बाजार में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा. बंद में महागठबंधन अंतर्गत कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, भाकपा, माकपा, भाकपा माले के नेता कार्यकर्ता सक्रिय थे. इसमें राजद से जुड़े डिप्टी मेयर डॉ सलाहउद्दीन अहसन, बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु आदि भी सड़क पर उतरे. बंद समर्थकों ने डेढ़ घंटे से अधिक देर तक लोहिया पुल पर वाहनों को रोका. इससे तीन ओर वाहनों की लंबी कतार पुल से लेकर सड़क पर लग गयी. हालांकि वाहन सवारों ने सड़क जाम करने वालों का जब विरोध करना शुरू किया, तो कुछ देर में प्रदर्शनकारी ढीले पड़ गये और वाहन सवार को आगे बढ़ने दिया. बंद का असर यातायात पर भी पड़ा. सड़कों पर आम दिनों की अपेक्षा बहुत कम वाहन चले. बस स्टैंड पर भी सन्नाटा पसरा रहा. रिक्शा व ऑटो भी कम चले.
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