अमरेंद्र तिवारी, पीरपैंती: बिहार में नदियां अभी उफनाई हुई है. भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के बाखरपुर से एक बारात नाव के सहारे ही दूल्हे को लेकर लड़की वालों के यहां पहुंची. बारात कटिहार के कटाकोष गांव के रहने वाले रामचंद्र चौधरी के यहां नाव से गई. इस नाव पर करीब 30 से 35 लोग सवार थे.
बाढ़ संकट के बीच नाव से निकली बारात
बाखरपुर गांव हर साल बाढ़ की मार को झेलता है. नाव पर सवार होकर ब्याह करने निकले दूल्हा देवमुनि कुमार ने बताया- ”मेरा इरादा तो धूमधाम से बारात ले जाने का था लेकिन स्थिति को देखते हुए नाव से बारात लेकर जाना पड़ा. रास्ते में बारिश होती रही. हालांकि इस बहाने मुझे शादी में फिजूल खर्ची को बचाने के लिए भी एक संदेश देना था.”
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घंटों इंतजार करती रही दुल्हन
खराब मौसम और बाढ़ के पानी के कारण नाव से जब बारात लड़कीवालों के गांव पहुंची तो पूरे गांव में भी यह चर्चा का विषय बन गया. बिना ढोल नगाड़े और किसी चमक धमक के ही यह बरात सादगी के साथ दुल्हन के घर तक पहुंची. अगली सुबह दुल्हन को साथ लेकर बारात वापस घाट तक पहुंची और नाव से ही रवाना हुए. नाव पर ही विदाई के सामान भी लादे गए.
क्या कहते हैं दूल्हा?
दूल्हा देवमुनि कुमार ने बताया कि इस शादी के माध्यम से हमने यह बताने का प्रयास किया की बाढ़ के बीच भी लोग शादी कर सकते हैं. परेशानियां तो थी पर अब एक सुकून भी है. वायरल होने की बात पर शरमाते हुए उन्होंने बताया कि हमने तो बस सादगी के साथ इस काम को किया अब लोग इसे पसंद कर रहे हैं तो बस इन सब चीजों से समाज में एक अच्छा संदेश जाना चाहिए.