Bihar Jail: बिहार विधानसभा की कारा सुधार समिति ने राज्य के 5 जिलों में स्थल अध्ययन यात्रा की. इसके बाद समिति ने जेलों में पाई गई कमियों में सुधार को लेकर अहम बैठक की. इस बैठक में यह निर्णय लिया कि जेल में अब जब कोई भी भवन निर्माण का काम शुरू होगा तो उसमें यहां के कैदी को काम में प्राथमिकता दी जाएगी.
भवन निर्माण में कैदियों को प्राथमिकता
भागलपुर जेल के कैदियों को पहली प्राथमिकता के रूप में राज मिस्त्री, लेबर, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबरिंग आदि का काम दिया जाएगा. जिन कामों के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी गई है, उसे पहली प्राथमिकता में रखा जाएगा. ताकि कैदियों को आर्थिक लाभ मिल सके. बिहार सरकार कारा एवं सुधार सेवा के संयुक्त सचिव एवं निदेशक संजीव जमुआर ने एक मीडिया माध्यम को बताया कि जब भी जेल में कोई भी भवन निर्माण का काम शुरू हो, उसमें संबंधित जेलों के कैदी को सुरक्षा मानक के अनुपालन करते हुए काम देने में प्राथमिकता दी जाए.
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मेहनताना भी मिलेगा
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त दिशा-निर्देश बाद बिहार कारा निरीक्षणालय जेलों में बंद सजायाफ्ता बंदियों से जेल की आधारभूत संरचनाओं में बतौर कामगार काम देगा. इसके एवज में कामगार को मिलने वाले मेहनताने की राशि भी दी जाएगी. पहले चरण में जेलों के निर्माणाधीन भवन निर्माण परियोजनाओं में सजायाफ्ता बंदियों को काम मिलेगा. इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है.
कैदियों की तैयारी हो रही लिस्ट
कारा महानिरीक्षक की तरफ से सजायाफ्ता कैदियों की सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है. जिसमें बताना होगा कि कौन सा बंदी राज मिस्त्री का काम करता है, कौन सा बंदी प्लंबर का काम करता है, कौन सा बंदी बढ़ई का काम करता है और कौन वायरिंग-फिटिंग का काम जानता है. उसके अनुसार ही उन्हें काम दिया जाएगा.
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