जिले में नशा कारोबार पर रोकथाम के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है, बावजूद इसके नशे का जाल शहर से लेकर गांव तक तेजी से फैलता जा रहा है. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब गांवों में भी ब्राउन शुगर की खुलेआम बिक्री हो रही है. युवा इसकी गिरफ्त में आते जा रहे हैं. पिछले एक महीने के भीतर ब्राउन शुगर के लगभग आधा दर्जन से अधिक मामले आये. पुलिस ने सेवन करने वालों सहित तस्करों को गिरफ्तार किया था. चार दिन पहले भी दो तस्करों की गिरफ्तार किया गया था. जिले के रसलपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सैतपुरा कुनकुनिया गांव में ब्राउन शुगर के कारोबार का अड्डा बन चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां लंबे समय से नीरज मंडल नामक शख्स द्वारा बड़े पैमाने पर ब्राउन शुगर की तस्करी की जा रही है. इस अवैध धंधे से हर माह तस्कर लाखों रुपये कमा रहे हैं. पंचायत समिति सदस्य मनोज कुमार ने बताया कि इस मामले में स्थानीय लोग कई बार प्रशासन से मौखिक रूप से शिकायत कर चुके हैं. अखबारों में भी इस कारोबार के खिलाफ खबरें छप चुकी हैं, बावजूद इसके स्थानीय पुलिस मुख्य कारोबारी को पकड़ने में नाकाम रही है. रोको टोको अभियान से भी नहीं रुका नशा का धंधा पिछले एक सप्ताह से ग्रामीणों द्वारा रोको टोको अभियान चलाया जा रहा है. लोगों ने खुद अपने स्तर से युवाओं को नशे से दूर करने का प्रयास किया है. लेकिन तस्करों की दबंगई के आगे ग्रामीण भी असहाय नजर आ रहे हैं. मां की गुहार, मेरा बेटा बर्बाद हो गया इलाके की महिला संजो देवी का 15 वर्षीय पुत्र अवधेश कुमार नशे का शिकार हो चुका है. महिला ने बताया कि उनके बेटे को बेटा नशे की लत लग चुकी है. मजदूरी करने वाले परिवार के लिए बेटे पर नजर रखना मुश्किल है. वीडियो वायरल होने से बढ़ी हलचल रोको टोको अभियान के बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें एक युवक इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीन पर खुलेआम ब्राउन शुगर तौलता नजर आ रहा है. हालांकि प्रभात खबर इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता, लेकिन वीडियो के सामने आने के बाद स्थानीय पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं. पुलिस की चुप्पी पर उठ रहे सवाल स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब जिला मुख्यालय से नशा कारोबार पर सख्त कार्रवाई का आदेश है, तो फिर स्थानीय पुलिस नीरज मंडल जैसे बड़े तस्करों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? अब तक केवल पैडलर्स की गिरफ्तारी कर खानापूर्ति की जा रही है. जबकि असली मास्टरमाइंड खुलेआम कारोबार चला रहा है. कहलगांव एसडीपीओ कल्याण आनंद से मामले के संबंध में संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है