– बिहार विधानसभा में विधायक सह प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति अजीत शर्मा का निर्देश भागलपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजीत शर्मा ने 24 जुलाई को विधानसभा में प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति की हैसियत से कृषि विभाग से संबंधित 10 वां एवं स्वास्थ्य विभाग का 11वां प्रतिवेदन सदन में प्रस्तुत किया. कृषि विभाग के प्रतिवेदन में निष्कर्ष एवं अनुशंसा के अनुसार बिहार में कृषि विपणन पर्षद को भंग हुए 19 वर्ष हो गये. आज तक उसकी संंपत्तियों का आकलन नहीं किया जाना सरकार की उदासीनता है. सभी 54 बाजार समितियों की परिसम्पत्तियां आज कितनी हैं इसका कोई न तो लिखित उत्तर और न ही मौखिक उत्तर मिला. सभापति ने इसका आकलन तीन माह के अंदर कराने की अनुशंसा की. बाजार समिति प्रांगण में निबंधित व्यापारियों की संख्या के अनुरूप दुकानों का निर्माण हो. तीन माह में दुकानों का आवंटन हो. कृषि विभाग के द्वारा इसकी लगातार समीक्षा की जाये. स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली में जड़ता : स्वास्थ्य विभाग से संबंधित ग्यारहवें प्रतिवेदन में निष्कर्ष एवं अनुशंसा के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान अधिनियम 1984 को देखे. पता करें कि अधिनियम में स्वास्थ्य विभाग व संस्थान के लिए कौन कौन से काम निर्धारित हैं. क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है. समिति ने यह भी महसूस किया कि विभाग की आंतरिक कार्य प्रणाली में एक जड़ता सी है. समिति विमर्श से इस निष्कर्ष पर भी पहुंची कि सामान्य एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की प्रोन्नति से बेसिक ग्रेड के पद खाली होंगे. तभी उस पद पर नियुक्ति हो सकती है. जिससे जनता सस्ती चिकित्सा सुविधा हासिल कर सकेगी. सभापति ने अनुशंसा कि अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन हो. चिकित्सकों की प्रोन्नति तीन माह के अंदर हो. स्वास्थ्य योजना को तीन माह के अंदर कार्यान्वित किया जाये.
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