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bhagalpur news. टीएमबीयू परिसर में बाढ़ पीड़ितों व विवि अधिकारी के बीच झड़प, ताला तोड़ कर किया प्रवेश

टीएमबीयू परिसर में बाढ़ विस्थापितों व विवि के प्रॉक्टर प्रो अर्चना साह के बीच गेट का ताला तोड़ने को लेकर झड़प हो गयी.

टीएमबीयू परिसर में बाढ़ विस्थापितों व विवि के प्रॉक्टर प्रो अर्चना साह के बीच गेट का ताला तोड़ने को लेकर झड़प हो गयी. इसके बाद ताला तोड़ बाढ़ पीड़ित विवि परिसर में प्रवेश कर गये. इसके बाद फिर प्रॉक्टर विवि के निजी गार्ड के साथ गेट में फिर से ताला लगाने पहुंची, लेकिन दियारा क्षेत्र से आये ग्रामीणों ने प्रॉक्टर को मौके से खदेड़ दिया. प्रॉक्टर बिना ताला लगाये लौट गयीं. हालांकि, उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे लोग नहीं माने. इसके बाद विवि प्रशासन अपने स्तर से कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रही है. मंगलवार को विश्वविद्यालय का पिछला हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो गया है. पीजी महिला हॉस्टल के पीछे भी पानी फैलने लगा है. दरअसल, विवि प्रशासन ने राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सीनेट हॉल के नजदीक निर्मित गेट पर ताला करीब 20 दिनों से लगा रखा था, ताकि बाहरी लोगों का विवि में आवाजाही नहीं हो. इसी बीच गंगा में जलस्तर खतरा के निशान से ऊपर आ गया है. ऐसे में दियारा क्षेत्र के बैरिया पंचायत के दिलदारपुर, बिंद टोली और शंकरपुर पंचायत के दारापुर सहित अन्य गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. इसके बाद लोग शरण लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग टीएमबीयू परिसर के पीछे हिस्से में पहुंचे, लेकिन गेट में ताला रहने के कारण टिल्हाकोठी नहीं जा पा रहे थे. ऐसे में ग्रामीणों ने गेट में लगा ताला तोड़ दिया. बड़ी संख्या में पुरुष, महिला, बच्चे सहित सामान लेकर टिल्हाकोठी पहुंचे और यहां झोपड़ी बनाने का काम शुरू किया.

विवि में राष्ट्रपति के संभावित कार्यक्रम

विवि में राष्ट्रपति के संभावित कार्यक्रम को लेकर तैयारी जोरों पर चल रही है. पिछले दिनों जब गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई, तो ग्रामीणों ने विवि परिसर और टिल्हाकोठी में बांस-बल्ला लगाना शुरू कर दिया था, लेकिन विवि थाना की पुलिस और विवि प्रशासन ने उनलोगों को परिसर में नहीं ठहरने दिया. इसके बाद जलस्तर में कमी के कारण ग्रामीण वापस लौट गये थे, लेकिन फिर से जलस्तर में वृद्धि हो गयी है. विवि प्रशासन का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों से काफी सहानुभूति है. इस लेकर विवि बाल निकेतन परिसर में ही उनलोगों के लिए जगह आवंटित है. बाढ़ विस्थापित वहां जाकर शरण लें, ताकि राष्ट्रपति के आगमन को लेकर काम सही समय से पूरा हो. प्रॉक्टर ने कहा कि विवि परिसर में शरण लेने से छात्र-छात्राओं को आवाजाही में परेशानी होती है. कहा कि खास कर पीजी प्राचीन इतिहास विभाग वाले रास्ते में गंदगी रहने से विद्यार्थियों व शिक्षकों को आने-जाने में असुविधा होती है.

दस हजार से ज्यादा लोग प्रभावित

बैरिया पंचायत के वासुदेव बिंद, पूनम महतो, हरदेव महतो आदि ने बताया कि दियारा क्षेत्र में गंगा का पानी घुस गया है. घर के अंदर कमर तक पानी है. सभी पंचायत सहित अन्य गांव मिलाकर दस हजार से अधिक लोग प्रभावित है. ऐसे में वे लोग शरण लेने आये हैं. विवि परिसर के टिल्हाकोठी के खाली जमीन पर वर्षों से रहते आये है, लेकिन विवि प्रशासन द्वारा गेट पर ताला लगाकर प्रवेश से रोका जा रहा था. आखिरकार दियारा के लोग कहां जायेंगे. आक्रोशित ग्रामीणों ने ताला तोड़ दिया.

बाढ़ पीड़ितों का एसडीएम ने जायजा लिया

एसडीएम विकास कुमार ने बाढ़ पीड़ितों का जायजा लेने विवि पहुंचे थे. बाढ़ पीड़ितों के लिए शिविर की व्यवस्था की जा रही है. पूर्व से तैयार शिविर की सूची के अनुसार दियारा के लोगों को व्यवस्था करायी जायेगी. मेडिकल, भोजन आदि की व्यवस्था करायी जायेगी. इस दौरान दियारा क्षेत्र से आये लोगों ने विवि के गेट पर लगे ताला खुलवाने के लिए आग्रह किया.

प्रॉक्टर ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र

टीएमबीयू में बाढ़ पीड़ितों के प्रवेश को रोकने व उनके आवासन की दूसरी जगह व्यवस्था करने को लेकर प्रॉक्टर प्रो अर्चना साह ने डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी को पत्र लिखा है. प्रॉक्टर ने पत्र में कहा कि गंगा का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ पीड़ित अपने पशु व सामानों के साथ विवि परिसर में प्रवेश कर डेरा डाल रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रपति के संभावित कार्यक्रम की तैयारी में बाधा हो रही है. कार्यक्रम के महत्व देखते हुए बाढ़ पीड़ितों को हटाने का अनुरोध विवि प्रशासन ने किया है. साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए कहा, ताकि कार्यक्रम की तैयारी पूरी हो सके.

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