27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Exclusive: गंगा उत्तरवाहिनी नहीं हो पा रही और स्टेशन गंगाजल के लिए तरस रहा, सारी फाइलें दिल्ली में पेंडिंग

Exclusive: भागलपुर शहर से निकलने वाले नाले के पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना बीच में फंस गयी है. क्योंकि इन सभी पांचों योजनाएं की फाइलें दिल्ली में पेंडिंग है.

Exclusive: संजीव झा/भागलपुर. सुलतानगंज में अजगैवीनाथ मंदिर के पास गंगा उत्तरवाहिनी नहीं हो पा रही है. रेलवे स्टेशन को गंगाजल पहुंचाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है. भागलपुर शहर में जलापूर्ति की योजना की प्रतीक्षा समाप्त नहीं हो पा रही है. अविरल प्रवाह के लिए सुलतानगंज से कहलगांव तक गंगा को गहरा करने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है. भागलपुर शहर से निकलने वाले नाले के पानी को साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना बीच में फंस गयी है. इन सभी पांचों योजनाएं सिर्फ इसलिए रुकी हुई हैं कि वन मंत्रालय, दिल्ली में पर्यावरण मंजूरी की फाइल पेंडिंग पड़ी हुई है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में किसी योजना के लिए कई महीने पहले आवेदन किया जा चुका है.

इन योजनाओं को पर्यावरण मंजूरी का इंतजार

पर्यावरण मंजूरी के लिए कब किया आवेदन : 10.04.2024
सुलतानगंज में गंगा के दायें किनारे स्थित पुरानी धार में चैनल का निर्माण होना है. साथ ही सीढ़ी घाट का निर्माण होना है. 25 हेक्टेयर में निर्माण कार्य होगा. इस निर्माण कार्य पर 160 करोड़ खर्च होगा. वर्तमान में सिर्फ बारिश के महीनों में गंगा पुरानी धार में आकर उत्तरवाहिनी होकर बहती हैं. यह निर्माण हो जाने से यहां गंगा सालों भर उत्तरवाहिनी होकर बहेगी. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल ने काम शुरू भी कर दिया था, लेकिन वन विभाग ने काम पर इसलिए रोक लगा दी है कि पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली है.

पर्यावरण मंजूरी के लिए कब किया आवेदन : 04.08.2023

भागलपुर जलापूर्ति प्रोजेक्ट चरण-02 के अंतर्गत भागलपुर शहर में जलापूर्ति सुधार के लिए योजना संचालित है. इसमें वाटर वर्क्स निर्माण, ओवरहेड टैंक निर्माण, पाइपलाइन, बल्क वाटर मीटरिंग और हाउस कनेक्शन शामिल हैं. लगभग 90 एमएलडी इसकी क्षमता होगी. वर्ष 2047 की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गंगा के तट पर इंटक वेल का निर्माण हो रहा है. योजना को लेकर पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन सौंपा गया था, जो वर्तमान में लंबित है.

पर्यावरण मंजूरी के लिए कब किया आवेदन : 08.08.2023

गंगा को निर्मल करने की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण की योजना को लेकर बूढ़ानाथ से बरारी के बीच पांच पंपिंग स्टेशन के निर्माण कार्य पर रोक अब तक नहीं हटा है. डॉल्फिन इको सेंसिटिव जोन बता कर यह रोक वन विभाग ने लगा रखी है. शहर में 10 पंपिंग स्टेशन का निर्माण होना है लेकिन, अब बाकी के पांच पंपिंग स्टेशन को लेकर ही इस योजना को पूरी की जायेगी. पांच पंपिंग स्टेशन का निर्माण सूर्यलोक कॉलोनी, अलीगंज सहित अन्य जगहों पर हो रहा है.

पर्यावरण मंजूरी के लिए कब किया आवेदन : 12.07.2024

भागलपुर रेलवे स्टेशन पर गंगाजल की आपूर्ति के 15 करोड़ की योजना पर्यावरण मंजूरी के लिए रुकी हुई है, जबकि रेलवे ने तैयारी पूरी कर ली है. पाइप लाइन से गंगाजल बरारी गंगा नदी किनारे से आयेगा. रेलवे स्टेशन के यार्ड के कुछ दूरी पर ओवरहेड टैंक निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. छह साल पहले योजना बनी थी. इस योजना पर काम करने की जिम्मेवारी कोलकाता की एफएनसी कंस्ट्रक्शन को मिली है. सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है.

पर्यावरण मंजूरी के लिए कब किया आवेदन : 09.07.2024

सुलतानगंज से कहलगांव तक गंगा को कम से कम तीन मीटर गहरा किया जायेगा. कार्य को करने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने भारत सरकार के वन मंत्रालय से अनुमति मांगी है. लेकिन फाइल पेंडिंग है. कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है. जहाजों के सतत आवागमन के लिए नौवहन चैनल (फेयरवे) में जलमार्ग प्राधिकरण के नियम के अनुसार तीन मीटर न्यूनतम गहरा कराये जाने का प्रावधान है. ऐसा होने के बाद ही जहाजों का सुलभता के साथ परिचालन हो सकेगा.

क्यों जरूरी है पर्यावरण मंजूरी

सुलतानगंज से कहलगांव (60 किलोमीटर) तक वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन आश्रयणी क्षेत्र घोषित किया गया है. यह क्षेत्र पूरी दुनिया में गांगेय डॉल्फिन के लिए एकमात्र आश्रयणी क्षेत्र है. इसके अलावा इस क्षेत्र में अन्य वन्य जीव का भी प्राकृतिक निवास स्थल है. इस कारण यहां कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता है. ऐसा करने से वन्यजीव को खतरा हो सकता है. कार्य तभी किया जा सकता है, जब वन विभाग की मंजूरी हो. यही नहीं वन विभाग द्वारा निर्धारित की गयी शर्तों को ध्यान में रखते हुए ही कार्य किया जा सकता है. इसी वजह से इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए पर्यावरण मंजूरी आवश्यक है.

Also Read: ट्रांसजेंडर कलाकारों को इस फिल्म में मिला अभिनय का अवसर, सोशल मीडिया से मिली थी पहचान

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel