श्रावणी मेले में इस बार श्रद्धा और नवाचार का एक अनोखा संगम देखने को मिला, जब चार युवा कांवरिया स्केटिंग करते हुए अजगैवीनाथ धाम पहुंचे और जल संकल्प लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा पर निकल पड़े. इनमें भागलपुर के जबारीपुर का दीवाना कुमार, थाना बिहपुर का इंद्र कुमार, इस्माइलपुर का चंदन कुमार तथा पूर्णिया जिले के रामबाग का पुष्पराज शामिल हैं. चारों युवकों ने स्केटिंग बम की नयी पहचान बनाते हुए बुधवार को तीखी धूप और उमस भरी गर्मी में अपनी आस्था और उत्साह में कोई कमी नहीं आने दी. दीवाना कुमार ने बताया कि बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ धाम की यात्रा के बाद वह केदारनाथ धाम जायेगे. यह पूरी यात्रा वह विश्व कल्याण, शांति और सनातन धर्म के उत्थान की भावना से कर रहे हैं. पुष्पराज ने कहा, हमारी यात्रा केवल धार्मिक नहीं, एक सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश है. हम युवा पीढ़ी को बताना चाहते हैं कि सनातन संस्कृति में आस्था और ऊर्जा दोनों समाहित हैं. इस तरह की अनोखी पहल से श्रावणी मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनता जा रहा है, बल्कि युवा पीढ़ी के नवाचार, जोश और सामाजिक संकल्प का परिचायक बनता है.
हावड़ा के कांवरिया कांवर में बजरंगबली और शिवलिंग ले चले बाबाधाम
हावड़ा के कांवरियाें ने आकर्षक बजरंगबली और शिवलिंग आकृति के प्रतिमा लेकर बुधवार को बाबाधाम रवाना हुए. चार कांवरियों का दल कांवर को उठाकर बाबाधाम ले जा रहे है. रास्ते में कांवर को देखने की भीड़ लग गयी. कांवरियों ने बताया कि कांवर में विशाल बजरंगबली की प्रतिमा के साथ शिवलिंग बना है, जो काफी आकर्षक लग रहा है. बाबाधाम के रास्ते में हर वर्ष अलग-अलग प्रकार के आकर्षण कांवर ले जाते हैं. इस वर्ष कांवर का वजन काफी है. बनाने में भी काफी खर्च लगा है.विशाल शिव प्रतिमा के साथ रवाना हुए हावड़ा के कांवरिया
श्रावणी मेले में भक्ति, आस्था और कला का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है. हावड़ा से आये श्रद्धालु कांवरियों का एक जत्था इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र बना है. इस जत्थे ने अपने कांवर में विशाल और आकर्षक शिव प्रतिमा स्थापित की है, जिसे देखकर राह चलते कांवरिये और दर्शक अभिभूत हो उठते हैं. इस विशेष कांवर की शोभा बढ़ाने वाली शिव प्रतिमा ध्यान मुद्रा में है, जिनके हाथ में धनुष और मस्तक पर चंद्रमा सुशोभित है. कांवरियों ने बताया कि इस बार उन्होंने बाबा भोलेनाथ की विशेष कृपा पाने और अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए यह अनोखी कांवर बनायी है. जत्थे में विभिन्न कांवरिया शामिल हैं, जो यह संदेश दे रहे हैं कि भक्ति में कोई भेद नहीं होता. सभी ने मिलकर इस कांवर को सजाया और बाबा धाम की ओर पदयात्रा आरंभ की. एक कांवरिए ने बताया कि हम आकर्षक कांवर बनाकर बाबा के दरबार जा रहे हैं. बाबा भोलेनाथ सबकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. यह कांवर हमारी आस्था का प्रतीक है. इस अनोखे कांवर को देखने के लिए कांवर पथ पर लोगों की भीड़ जुट रही है, और हर कोई श्रद्धा से बोल बम का उद्घोष कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है