सुलतानगंज प्रखंड क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नदी किनारे बसे गांवों के किसानों में चिंता गहराने लगी है. कई स्थानों पर खेतों में पानी भर गया है, जिससे धान की फसल और बिचड़े डूब चुके हैं. नमामि गंगे घाट का क्षेत्र चारों ओर से गंगा जल से घिर गया है. घाट जाने वाली पीसीसी सड़क पर भी पानी बहने लगा है, जिससे दुर्गंध फैल रही है. बावजूद इसके कांवरियों की आस्था में कोई कमी नहीं आयी है. कांवरिया नमामि गंगे घाट पहुंचकर जल संकल्प लेकर गंगाजल भरते और बाबाधाम के लिए प्रस्थान करते देखे जा रहे हैं. गंगा का जलस्तर बढ़ने से अजगैवीनाथ मंदिर घाट व सीढ़ी घाट पर भी स्नान करने वालों की संख्या बढ़ी है. बाढ़ प्रमंडल के कर्मियों को बैरिकेडिंग में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. नमामि गंगे घाट पर कांवरियों के लिए बनाये गये जर्मन हैंगर टेंट में बाढ़ का पानी घुसने लगा है, जिससे श्रद्धालुओं को ठहरने में परेशानी हो रही है. टेंट में कीचड़ व जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. गांवों की स्थिति पर नज़र डालें तो कल्याणपुर, मोतीचक, पुरानी मोतीचक जैसे निचले इलाकों में पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है. कल्याणपुर-मोतीचक को जोड़ने वाली कच्ची सड़क पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है. खानपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राहुल कुमार ने बताया कि फिलहाल तटबंध सुरक्षित हैं, लेकिन खेतों में पानी भर गया है, जिससे किसानों की फसल को नुकसान हुआ है. करहरिया व कटहरा पंचायत के खेत भी जलमग्न हो चुके हैं. कमरगंज पंचायत के मुखिया भरत कुमार ने बताया कि किसानों द्वारा रोपा गया धान एवं बिचड़ा पूरी तरह पानी में डूब गया है.सीओ रवि कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सभी तटबंध सुरक्षित हैं. राहत कार्य चलाने की स्थिति अभी उत्पन्न नहीं हुई है, प्रशासन की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है.
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