गंगा व कोसी नदी में भारी उफान होने से नवगछिया अनुमंडल में बाढ़ की संभावना प्रबल होती जा रही है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय के अनुसार मदरौनी में कोसी नदी में पिछले 12 घंटे में 34 सेंटीमीटर की भारी वृद्धि से 28.82 मीटर पर बह रही है, जबकि चेतावनी स्तर 30.48 मीटर है. गंगा नदी इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध के स्पर संख्या सात पर 30.33 मीटर पर बह रही है, जबकि चेतावनी स्तर 30.60 मीटर से मात्र 27 सेंटीमीटर मात्र नीचे बह रही है. गंगा नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से ग्रामीणों में दहशत है.
कहलगांव में गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर से महज 37 सेंटीमीटर नीचे
कहलगांव में गंगा के जलस्तर में वृद्धि का दौर लगातार जारी है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर प्रति घंटा दो सेंटीमीटर की बढ़त से बुधवार की संध्या 6:00 बजे तक 29.72 मीटर पर जा पहुंचा है, जो चेतावनी स्तर से 37 सेंटीमीटर नीचे है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ने की संभावना है. गंगा से जुड़ी सहायक नदियां कोवा, भैना, गेरूवा, घोघा नदी भरकर उबटने लगी है. एकचारी, ओगरी, महेशामुंडा, घोघा बहियार के मैदानी इलाके के निचले भाग में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. प्रखंड के बीरबन्ना पंचायत के तौफिल और अंठावन में पानी की बढ़त के साथ ही कृषि योग्य भूमि का कटाव शुरू हो गया है. मुखिया प्रतिनिधि संजय मंडल ने बताया कि बुधवार को गांव से करीब 300 मीटर उत्तर महंत बाबा बहियार में कृषि योग्य भूमि का कटाव शुरू हो गया है.
कांवरिया पथ पर फिसलन व जलजमाव से बढ़ी परेशानी
.श्रावणी मेला के दौरान कांवरियों को भोलेनाथ तक पहुंचने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कच्चा कांवरिया पथ कमराय के पास फिसलन व शिवनंदनपुर बजरंगबली स्थान के सामने जलजमाव की समस्या से आवाजाही में कठिनाई हो रही है. बल्कि फिसलन की वजह से हादसे की आशंका भी बनी हुई है. कांवरियों को इस मार्ग पर बने गड्ढों में भरे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है. कांवरियों को नंगे पैर कीचड़ और गंदे पानी में चलना पड़ रहा है, जिससे उनकी यात्रा बाधित हो रही है. कांविरयों ने बताया कि हर साल इस मार्ग से लाखों कांवरिया गुजरते हैं, लेकिन कच्चा कांवरिया पथ की स्थिति में कोई स्थायी सुधार नहीं हो पाया है. यह मार्ग कांवर यात्रा की आस्था और सुविधा का प्रतीक माना जाता है, लेकिन वर्तमान स्थिति से श्रद्धालु आहत हैं. प्रशासनिक स्तर पर त्वरित संज्ञान और कार्रवाई की आवश्यकता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रास्ते पर पहले कार्य प्रारंभ कर उद्घाटन किया गया, लेकिन उसके बाद संबंधित विभाग या कर्मियों द्वारा स्थिति की कोई सुध नहीं ली गई. कांवरिया दिवाकर सोनी, महेश कुमार आदि ने बताया कि समय पूर्व ठीक से काम किया गया होता तो आज कांवरियों को यह दिक्कत नहीं होती. जलजमाव और फिसलन से रास्ता बहुत कठिन हो गया है. मसदी के पंचायत समिति सदस्य राजेश कुमार बिंद ने कांवरिया हित में मांग की है कि जलजमाव वाले स्थान को अविलंब समतल कर बालू डाला जाए, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी से राहत मिल सके.
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