राज्य ग्रामीण आवास कर्मी संघ ने 20 जून को सांकेतिक और 21 जून से राज्यस्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है. इस संबंध में संघ के भागलपुर जिलाध्यक्ष ने डीएम व डीडीसी को पत्र सौंप दिया है. पत्र में कहा गया है कि कई महीनों से विभाग द्वारा निर्गत पत्र की आड़ में कार्य में प्रगति के बहाने बनाकर या लाभुक के झूठे बयान या शिकायत मात्र के आधार पर सेवा मुक्ति व एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई में तेजी आयी है. अधिकतर मामलों में यह स्पष्ट है कि आवास कर्मियों से बिना स्पष्टीकरण पूछे या बगैर निष्पक्ष जांच के ही संविदा रद्द करने की कार्रवाई कर दी गयी है. पहले से सेवा मुक्त आवास कर्मियों की अपीलीय सुनवाई होने के महीनों बाद भी विभाग द्वारा मामले को बेवजह लंबित रखा है. इससे कई आवास कर्मियों की पारिवारिक स्थिति चरमरा गयी है. स्थानीय जनप्रतिनिधि, दबंगों व बिचौलियों द्वारा आवास कर्मी के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट तक की जा रही है. इन परिस्थितियों में कार्य करना दुरूह हो रहा है. बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा ग्रामीण आवास कर्मियों के मानदेय में वृद्धि करने का आदेश विभाग को दिया है. आदेश के वर्षों बाद भी मानदेय में वृद्धि की घोषणा नहीं की जा रही है. संघ द्वारा लगातार विभाग व सरकार को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाता रहा है. लेकिन पहल नहीं हो रही. इससे राज्य भर के आवास कर्मियों में आक्रोश है.
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