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Bhagalpur news राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी में झूलनोत्सव का हुआ आगाज

कहलगांव शहर के चौधरी टोला स्थित प्राचीन राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी में सोमवार से पांच दिवसीय झूलनोत्सव प्रारंभ हो गया.

कहलगांव शहर के चौधरी टोला स्थित प्राचीन राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी में सोमवार से पांच दिवसीय झूलनोत्सव प्रारंभ हो गया. इस अवसर पर पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है. ठाकुरबाड़ी के सेवायत सह प्रबंधक पंडित बालकृष्ण पाण्डेय द्वारा ठाकुर जी का पूजन आरती करते हुए भोग लगाया गया. उन्होंने बताया कि झूलन उत्सव, जिसे झूलन पूर्णिमा भी कहा जाता है, भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम का उत्सव है. यह सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णिमा तक मनाया जाता है. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस अवसर पर परिसर में भजन संध्या का कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमे श्याम बिहारी टीबरेवाल, हेमंत अग्रवाल, गुड्डू जोशी, बबिता जोशी, चन्दन नाथ चौधरी, रंजन झा, तनुष, अविकास, अमिता कुमारी और मनीष पाण्डेय ने अपनी उपस्थिति बनायी.

पांच दिवसीय झूलनोत्सव में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

पांच दिवसीय झूलनोत्सव मंगलवार से प्रारंभ हो गया. उत्सव के पहले दिन ही विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. हर ओर राधा-कृष्ण के झूला झुलाने की परंपरा को भक्तिभाव से निभाया जा रहा है. घाट रोड, ध्वजागली, अपर रोड और थाना रोड स्थित मंदिरों में झूला सजाया गया है, जहां भक्त भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी को झूला झुला कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं. मंदिरों में भजन-कीर्तन और पुष्प सज्जा से भक्तिमय माहौल है. इस पर्व को लेकर पूरे प्रखंड में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर नगर तक श्रद्धालु परिवार के साथ मंदिरों में पहुंच रहे हैं. झूलनोत्सव का आयोजन प्रेम, भक्ति और सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक माना जाता है, जो प्रतिवर्ष श्रावण शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है. आयोजन को लेकर स्थानीय मंदिर समितियों की ओर से विशेष सजावट, आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी की गयी है.

आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं आज हड़ताल पर

आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाएं अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 6 अगस्त 2025 को हड़ताल पर रहेंगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, शाखा सुल्तानगंज की अध्यक्ष उषा कुमारी ने बताया कि हड़ताल की सूचना बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को भी दे दी गयी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में सेविका को मात्र 7000 एवं सहायिका को 4000 प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है, जो वर्तमान महंगाई के लिहाज से अत्यंत अल्प है. संघ की मांग है कि सेविका-सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि हो और सेवा की स्थायित्वता सुनिश्चित की जाए. अध्यक्ष ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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