गौतम वेदपाणि मिथिला कल्चरल सोसाइटी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की ओर से लंदन के एलस्ट्री में वार्षिक आमसभा एवं सांस्कृतिक मिलन समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में यूके के विभिन्न हिस्सों से 250 से अधिक बिहारी प्रवासियों ने भागीदारी की. कार्यक्रम में भागलपुर के कई लोगों ने शिरकत की. ये प्रवासी यूके के स्कॉटलैंड समेत इंग्लैंड के प्रमुख शहरों जैसे मैनचेस्टर, बर्मिंघम, लीड्स, लीसेस्टर, नॉटिंघम, ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज, ब्रिस्टल, ब्राइटन, रीडिंग व लंदन में बड़ी संख्या में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं. सोसाइटी का यह कार्यक्रम भारत व बिहार की सांस्कृतिक एकजुटता का सशक्त प्रतीक बना. कार्यक्रम की शुरुआत में मिथिला समाज की अबतक की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई. विशेष रूप से नये युवा सदस्यों और विश्वविद्यालय की पहले पीढ़ी के प्रवासी छात्रों की भागीदारी ने इस आयोजन को नयी ऊर्जा दी. वहीं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. इनमें फणीश्वर नाथ रेणु की प्रसिद्ध कहानी पंचलाइट के मैथिली रंगमंचीय रूपांतरण की प्रस्तुति हुई. कार्यक्रम में भागलपुर के विक्रम झा, निशु झा, स्वयंप्रकाश व अनिमा तिवारी समेत अन्य लोग शामिल हुए. आयोजन में विविध पेशा से जुड़े लोग हुए शामिल : कार्यक्रम में संस्थापक सदस्यों ने मंच से अपने अनुभव साझा कर मिथिला समाज की जड़ों को फिर से जीवंत करने पर बल दिया. सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ रीता झा ने कहा कि यह यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक घर वापसी है. हमें मिथिला की भाषा, परंपरा और संस्कृति को यूके की अगली पीढ़ियों तक जीवित रखना और आगे बढ़ाना है. वहीं संस्थापक सदस्य व सेवानिवृत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ कलाधर झा ने कहा कि आज ब्रिटेन में मिथिला की सांस्कृतिक आत्मा का समागम हुआ है. आयोजन में विविध पेशा से जुड़े लोग, इनमें डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, शिक्षक, आईटी विशेषज्ञ, उद्यमी, छात्र, कलाकार और सरकारी अधिकारी शामिल हुए. वहीं मिलन भोज में पारंपरिक मिथिला व्यंजनों का लुत्फ उठाया गया. .
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