सबौर प्रखंड हर साल की तरह इस बार भी गंगा के बढ़ते जलस्तर से आपदा को झेलने के लिए विवश और मजबूर हैं. सबौर प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बरारी का मीरा चक गांव, इंजीनियरिंग कॉलेज, बाबूपुर, रजंदीपुर, बगडेर, घोषपुर, इंग्लिश, फरका, मसाढ़ू, चायचक, शंकरपुर समेत अन्य गांव हर साल गंगा के बाढ़ की आपदा को झेलने के लिए मजबूर है. लगभग दो महीने तक इन सभी गांववालों परेशानी होती है. राजंदीपुर और संत नगर के ग्रामीणों को नाव का ही एक सहारा होता है. वहीं ग्रामीणों को कटाव से बचाने के काम भी शुरू हो गया, लेकिन यह काम भी बाढ़ के कटाव से बचाने मं सहायक सिद्ध नहीं हो पा रहा है. बताया जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा मसाढ़ू व चायचक में बोरे में बालू भरकर कटाव स्थल पर रखा गया था, लेकिन कटाव तेज होने के कारण सब बोरी गंगा में बह गया. जिससे आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. प्रशासनिक अधिकारियों की टीम हमेशा इस बाढ़ कटाव वाले क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रही है. कटाव से बचाने के लिए जरूरी काम भी किया जा रहा है. जहां मानव बल की जरूरत हो मानव बल से काम भी करवाया जा रहा है.
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