Bhagalpur Railway Station: भागलपुर के जगदीशपुर में बनने वाले न्यू भागलपुर रेलवे स्टेशन की फाइल कुछ माह पहले रेलवे बोर्ड को भेज दी गयी है. न्यू भागलपुर रेलवे स्टेशन निर्माण और वर्तमान भागलपुर रेलवे स्टेशन के यार्ड के सौंदर्यीकरण के लिए 190 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं. फूट ओवर ब्रिज, स्वचालित सीढ़ी, लिफ्ट, नि:शक्त यात्रियों के लिए हर प्लेटफॉर्म, फूड-प्लाजा, एटीएम सहित यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान न्यू भागलपुर स्टेशन पर रखा जायेगा.
यार्ड का पूरी तरह सौंदर्यीकरण किया जाना है. इसके अलावा यार्ड का भी रिमॉडलिंग किया जायेगा लेकिन इस फाइल पर अंतिम मुहर रेलवे बोर्ड को लगाना है और यह फाइल बोर्ड के पास है. योजना की डीपीआर की जिम्मेवारी उत्तर प्रदेश के याती निधि कंस्ट्रक्शन एजेंसी को मिली थी. जिसने इसे सौंप दिया है.
फाइल केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास
भागलपुर ईसीएल राजमहल से आने वाले कोयले की रैक को उत्तर बिहार के किसी भी कोने तक पहुंचने के लिए 1094 करोड़ से बनने वाले इकोनॉमिक-कॉरिडोर की फाइल केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेज दी गयी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल से पास होने के बाद योजना पर काम शुरू हो जायेगा.
इसके पहले जमालपुर तक 53 किमी एरिया में तीसरी लाइन के लिए रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. कंस्ट्रक्शन पूर्व रेलवे भागलपुर ने फिर से री-स्टीमेंट तैयार कर के योजना बनायी और उसे तैयार कर बोर्ड को भेजा था, बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी थी. केंद्रीय मंत्री मंडल से मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो जायेगा.
53 किलोमीटर तक बिछेगी तीसरी लाइन
ईसीएल राजमहल से आने वाले कोयले के रैक को नार्थ-उत्तर बिहार के किसी भी कोने तक पहुंचने में काफी समय लगता है. सवारी ट्रेनों के लगातार आवागमन के कारण कोयले के रैक को कई स्टेशनों में रोका जाता है. भागलपुर से जमालपुर तक कोयले के रैक की आवाजाही के मद्देनजर इकोनॉमिक-कॉरिडोर के भागलपुर से जमालपुर तक 53 किलोमीटर एरिया में तीसरी लाइन बिछायी जायेगी. अभी मुंगेर के रास्ते कोयले का रैक जाता है.
इस रेलखंड मेंं अभी दो ही लाइन बिछी है. जिससे कोयला वाले रैक व यात्रियों वाली ट्रेनों को रोका जाता है. अब तीसरी लाइन होने से कोयला निर्बाध रूप से आने-जाने लगेगा. इससे रेलवे को राजस्व का फायदा मिलेगा और समय पर कोयला जगह पर पहुंचेगा. इस योजना से रेलवे को काफी फायदा मिलेगा.
15 करोड़ की योजना वाइल्ड लाइफ के पास अटकी
भागलपुर के गंगा नदी से रेलवे स्टेशन पर गंगा का पानी पाइप के द्वारा लायी जायेगी लेकिन यह फाइल अटकी हुई है. फाइल रेलवे के किसी विभाग में नहीं, यह फाइल वाइल्ड लाइफ विभाग पटना में अटकी है. कारण गंगा नदी से पाइप लाइन से जो पानी लाया जा रहा है यह डॉल्फिन अभ्यारण्य स्थली का एरिया है.
वन विभाग के मुख्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद ही इस योजना पर काम हो सकता है. मालदा डिवीजन के अधिकारी कई बार स्वीकृति का लेकर पटना की दौड़ लगा चुके हैं लेकिन फाइल को स्वीकृति नहीं मिल पायी है.
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गंगा के पानी के लिए बना है जलमीनार
गंगा का पानी पाइप के द्वारा भागलपुर स्टेशन लाया जायेगा. पाइप से आये इस पानी को स्टेशन एरिया में बने जल मीनार तक ले जाया जायेगा. उस जल मीनार से पानी को रेलवे स्टेशन के अन्य भागों में भेजा जायेगा. वहीं, इस पानी को यात्रियों को पिलाने की भी व्यवस्था की जायेगी. वहां कर्मी की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. इस योजना को करने की जिम्मेवारी कोलकाता की एफएनसी कंस्ट्रक्शन को मिली है.
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