बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीटीसीएल) को कहलगांव एनटीपीसी से सबौर ग्रिड तक 34 सर्किट किमी लंबी लाइन के एक लाख 32 हजार वोल्ट के तारों की बदली के लिए अब तक कोई एजेंसी नहीं मिल सकी है. साथ ही सुलतानगंज ग्रिड से बांका पावर ग्रिड तक 46.5 रेसिस्टेंस किमी की लाइन में भी तार बदले जाने हैं, लेकिन इसके लिए भी किसी एजेंसी ने रुचि नहीं दिखाई. बीएसपीटीसीएल ने दोनों परियोजनाओं के लिए पहले निविदा आमंत्रित की थी, मगर इच्छुक एजेंसियों के अभाव में उसे रद्द करना पड़ा. अब कंपनी ने एक बार फिर निविदा जारी की है और उम्मीद जतायी है कि इस बार योग्य एजेंसी का चयन किया जा सकेगा. इस ट्रांसमिशन लाइनों की रिकंडक्टरिंग और अपग्रेडेशन बेहद जरूरी है ताकि पावर सब स्टेशनों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. काम में देरी से प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की गुणवत्ता और आपूर्ति पर असर पड़ सकता है.
चयनित एजेंसी के लिए 18 माह में तार बदली करना होगा अनिवार्य
चयनित एजेंसी के लिए 18 माह में तारों की बदली करना अनिवार्य होगा. एजेंसी चयन के लिए जारी निविदा के तहत इसका टेक्निकल बिड 14 जुलाई को खोली जायेगी. टेंडर डाॅक्यूमेंट लोड करने की तिथि 04 जुलाई और सब्मिट करने की अंतिम तिथि 11 जुलाई निर्धारित की गयी है.अमरपुर में बनना है उच्च क्षमता ग्रिड, एजेंसी चयन अब तक लंबित
अमरपुर में 80-80 एमवीए क्षमता वाले दो पावर ट्रांसफॉर्मर युक्त उच्च क्षमता ग्रिड का निर्माण प्रस्तावित है. इसके लिए एक लाख 32 हजार वोल्ट की अलग ट्रांसमिशन लाइन भी बिछायी जानी है. परियोजना की योजना तैयार है, लेकिन अब तक कार्य एजेंसी का चयन नहीं हो सका है.199.44 करोड़ की परियोजनाओं की शुरुआत में देरी, टेंडर प्रक्रिया बनी बाधा
बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीटीसीएल) की 199.44 करोड़ रुपये की ये परियोजनाएं टेंडर प्रक्रिया में उलझकर फंस गयी है. कहलगांव एनटीपीसी से सबौर ग्रिड और सुलतानगंज से बांका ग्रिड तक ट्रांसमिशन लाइनों के तार बदलने की योजना निविदा के अभाव में शुरू नहीं हो सकी है. टेंडर की प्रक्रिया में देरी के कारण न केवल काम शुरू होने में विलंब होगा, बल्कि इसके पूरा होने में भी समय लगेगा.
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