श्रावणी मेला. बांका ने दिखाई तत्परता, भागलपुर रहा फिसड्डी, कांवर पथ पर पुरानी स्थिति बरकरार रहने की आशंकाब्रजेश, भागलपुरपथ निर्माण विभाग का जवाब नहीं. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले को लेकर जहां प्रशासनिक तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं, वहीं यह विभाग अब तक रोड फर्नीचर और सड़क सुरक्षा से जुड़े कार्यों की दिशा तय नहीं कर पाया है. सुलतानगंज से दर्दमारा रोड (स्टेट हाइवे-22) के किमी 40 से किमी 98.865 तक, यानी करीब 59 किमी लंबे कांवरिया पथ पर रोड फर्नीचर और अन्य मिसलेनियस कार्य कराने की योजना अब जाकर बनी है लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से अभी तक ठेका एजेंसी का चयन तक नहीं हुआ है. इसका सीधा असर सड़क सुरक्षा पर पड़ेगा. कांवरिया पथ पर दिशा-निर्देश से जुड़ी साइनेज, चेतावनी बोर्ड, बैरियर, रेलिंग, बॉलर्ड्स जैसे जरूरी रोड फर्नीचर लगाने का काम अधूरा रह जायेगा, जिससे लाखों कांवरियों और वाहनों की आवाजाही में अव्यवस्था फैल सकती है. हालांकि, विभाग से जारी टेंडर में कार्य पूर्ण करने की अवधि 15 दिन निर्धारित की गयी है. यानी, चयनित एजेंसी के लिए यह काम 15 दिनों में पूरा करना अनिवार्य किया है.
5 जुलाई को खुलेगी निविदा, काम के लिए बचेगा समय सिर्फ सप्ताह भर
पथ निर्माण विभाग ने निविदा तो जारी कर दी है, लेकिन उसकी खोलने की तिथि 5 जुलाई तय की गयी है. ऐसे में यदि उसी दिन ठेका एजेंसी का चयन हो भी जाये, तो उसके पास कार्य आरंभ और पूर्ण करने के लिए बमुश्किल एक सप्ताह का समय बचेगा. यदि तकनीकी या औपचारिक अड़चनों के कारण ठेका एजेंसी का चयन नहीं हो सका, तो पूरा कार्य टल जायेगा.
उठ रहे सवाल
-सवाल यह उठ रहा है कि इतने बड़े आयोजन से पहले विभाग क्यों समय रहते सक्रिय नहीं हुआ?-एजेंसी बहाल भी कर लेता है, तो सप्ताह भर में 59 किमी लंबे मार्ग पर रोड फर्नीचर का काम कैसे पूरा कर सकेंगे.
सुलतानगंज टू दर्दमारा: 59 किमी में 68.65 लाख खर्च करेगा विभाग
पथ निर्माण विभाग कार्य प्रमंडल, बांका ने सुलतानबगंज से तारापुर, बेलहर, कटोरिया, चांदन व दर्दमारा रोड के 59 किमी में रोड फर्नीचर कार्य कराने के लिए 68.65 लाख रुपये की योजना बनायी है और इस पर वह ठेका एजेंसी के माध्यम से खर्च करेगा.आरसीडी बांका ने की पहल, भागलपुर फिसड्डी
कांवरिया पथ में आरसीडी बांका ने तो रोड फर्नीचर कार्य कराने की पहल की है और इसके लिए निविदा जारी कर ठेका एजेंसी बहाल करने जा रही हे. लेकिन, आरसीडी भागलपुर इस मामले में सुस्त है. बांका इस मार्ग में किमी 40 से काम करायेगा. यानी, सुलतानगंज से किमी 40 तक भागलपुर जिले में है और इस काम कराने में आरसीडी भागलपुर की ओर से कोई कोशिश नहीं की जा सकी है. यानी, यह कार्य फिसड्डी साबित होगा. इस मामले में आरसीडी, भागलपुर के एग्जीक्यूक्टिव इंजीनियर अरविंद गुप्ता ने बताया कि भागलपुर हिस्से की सड़क के बारे में कुछ भी बताना मुश्किल है.रोड फर्नीचर कार्य
साइन बोर्ड्स : स्पीड लिमिट, दिशा संकेत, मोड़ चेतावनी व अन्यरेलिंग और बैरियर – सड़कों के किनारे बैरियर, जिससे वाहन सड़क से बाहर न जा सके. डिवाइडर और बॉलर्ड्स – ट्रैफिक को अलग करने के लिए.रेफ्लेक्टर, कैट्स आई, रोड मार्किंग्स : रात में विजिबिलिटी और लेन गाइडेंस के लिए.
गार्ड रेल और क्रैश बैरियर : दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हाईवे या पुलों पर लगने वालेउद्देश्य:-सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना.
-ट्रैफिक का सही फ्लो बनाये रखना.-यात्रियों और चालकों को दिशा और चेतावनी देना.
-शहर की व्यवस्था और सौंदर्य को बनाये रखना.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है