मनरेगा योजना में अनियमितता बरतने और आय से अधिक राशि अर्जित करने के मामले में अनुबंध रद्द करते हुए पंचायत रोजगार सेवक छट्टू दास को सेवा मुक्त कर दिया गया है. तत्काल प्रभाव से यह कार्रवाई मंगलवार को उपविकास आयुक्त ने की है. दास को निर्देश दिया गया है कि नामित अपीलीय प्राधिकार के समक्ष उक्त दंड के आदेश पारित किये जाने की तिथि से 30 दिनों के अंदर अपील कर सकते हैं. इस मामले में इशाकचक के संतोष कुमार ने परिवाद दायर किया था. आरोप लगाया गया था कि जगदीशपुर प्रखंड की सैनो पंचायत के रोजगार सेवक छट्टू दास ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. मनरेगा योजना में अपने पिता कैलाश दास के नाम पर फर्जी वेंडर निशांत ट्रेडर्स बनाकर योजनाओं में अनियमितता बरती है. 20 करोड़ से अधिक अपने, पत्नी व रिश्तेदार के नाम पर अवैध तरीके से राशि अर्जित की है. इन आरोपों की डीडीसी ने जांच करायी. दास का भी पक्ष लिया गया. दास द्वारा स्वीकार किया गया कि निशांत ट्रेडर्स जिसके मालिक कैलाश दास हैं, वे उनके पिता हैं. निशांत ट्रेडर्स द्वारा जगदीशपुर व अन्य प्रखंडों में सामग्री की आपूर्ति की गयी है. दास व परिवारजनों द्वारा क्रय की गयी जमीनों का डीड डिटेल्स के संबंध में जांच के समय जांच दल को आय के स्रोतों का साक्ष्य के रूप में आयकर रिटर्न, आय प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया. सुनवाई के क्रम में दास ने आइटीआर एक्नॉलेजमेंट उपलब्ध कराया. लेकिन इसके साथ आय का शीर्षवार ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया. इससे आय का स्रोत स्पष्ट नहीं हो पाया. पुत्रों के नाम से जो जमीन क्रय की गयी थी, उस समय उनकी उम्र क्रमशः 17 वर्ष व 15 वर्ष थी, जो नाबालिग थे. दास व उनकी पत्नी के संयुक्त खाते में निशांत ट्रेडर्स द्वारा राशि प्राप्त की गयी और उस राशि की निकासी कराते हुए आपूर्तिकर्ता को नकद भुगतान किया गया. इसे बिहार वित्तीय नियमावली का उल्लंघन व वित्तीय अनियमितता माना गया. इसके बाद सेवा से मुक्त करने की कार्रवाई की गयी.
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