कुलपति चैंबर में प्राचार्यों की पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू होने से पहले मॉनिटर में प्रोफेसरवाइज व असिस्टेंट प्रोफेसरवाइज सूची दिखायी गयी. प्रोफेसर की सूची में प्रो इमरान खान, प्रो संजय कुमार झा व प्रो निशा झा का नाम था. यह देख प्रो दीपो महतो ने आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि मेरा नाम प्रोफेसर सूची में क्यों नहीं है. बिहार में मैं इकलौता हूं. उनका चयन भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में बतौर प्रोफेसर के रूप में किया गया है. प्रोफेसर पद के अनुसार ही आयोग में भी आवेदन किया था. यहां उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर की सूची में रखा गया है. इसे लेकर प्रो महतो ने कमेटी के समक्ष कई तर्क दिए. इस बाबत कमेटी के अध्यक्ष सह कुलपति प्रो जवाहर लाल ने संबंधित कर्मचारी को उनका दस्तावेज जांचने के लिए कहा. जांच के उपरांत कमेटी ने सही पाया. इसके बाद प्रोफेसर सूची में नाम जुट गया. इस तरह सूची में प्रोफेसर का चार नाम जुट गया. इसे लेकर कुछ देर के लिए माहौल थोड़ा गर्म रहा. इसके बाद लॉटरी सिस्टम की प्रक्रिया शुरू हो गयी. उधर, राजभवन की प्रतिनिधि प्रो मंजू कुमारी ने कहा कि प्राचार्यों की पोस्टिंग प्रक्रिया लॉटरी सिस्टम से की गयी है.
अलग-अलग कैटेगरी में हुई लाॅटरी –
राजभवन ने लाॅटरी सिस्टम के तहत सभी प्राचार्याें के नाम बाॅक्स में रखकर व काॅलेजाें के नाम अल्फाबेट के अनुसार सूचीबद्ध कर प्रक्रिया करने का निर्देश दिया था. अलग-अलग कैटेगरी में लॉटरी हुई. इसमें पहला कैटेगरी जिस अनुमंडल में पति या पत्नी का पोस्टिंग है. दूसरा मेडिकल ग्राउंड, तीसरा प्रोफेसर व चाैथा एसाेसिएट प्राेफेसर के तहत की गयी.
मेडिकल ग्राउंड के नाम पर प्रो झा को मारवाड़ी कॉलेज मिला
मेडिकल ग्राउंड को लेकर प्रो संजय कुमार झा ने कमेटी को आवेदन देकर अपनी परेशानी से अवगत कराया. आवेदन में कहा था कि उनका बेटा व मां गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. इसी आधार पर कमेटी ने प्राे संजय कुमार झा का अल्फाबेट के अनुसार मारवाड़ी कॉलेज में पोस्टिंग की गयी. जबकि डॉ सुधीर कुमार सिंह ने कमेटी को दिये मेडिकल ग्राउंड से संबंधित अपना आवेदन वापस ले लिया. उनका लॉटरी सिस्टम से पोस्टिंग की गयी.
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