-गंगाजल खत्म न हो जाये, मंदिर प्रबंध समिति का टंकी पर बना रहता है ध्यान
संजीव झा यूं तो जिले के सुलतानगंज से गंगाजल भर कर शिवभक्त 100 किलोमीटर पैदल यात्रा कर देवघर में भोले भंडारी का जलाभिषेक करते हैं. मगर, भागलपुर शहर के शिवालयों में 30 किलोमीटर दूर से गंगा जल लाकर अभिषेक हो, तो यह विचारणीय विषय इसलिए बन जाता है कि कभी शहर के शिवालयों के सटकर गंगा की धारा प्रवाहित होती थी. अब स्थिति यह हो गयी है कि मंदिर समिति को इस बात पर हमेशा ध्यान रखना पड़ता है कि टंकी में स्टोर किया गया गंगाजल कितना बचा है. इसके लिए कर्मचारी को सजग रखना पड़ता है. भागलपुर शहर के शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए भक्तों को काफी जतन करना पड़ रहा है.
भूतनाथ मंदिर : सुलतानगंज से मंगाया जाता है गंगाजल
भूतनाथ मंदिर में भक्तों को गंगाजल मुहैया कराने का काम मंदिर प्रबंध समिति कर रहा है. समिति के उपाध्यक्ष डॉ तिरुपति नाथ ने बताया कि सुलतानगंज से गंगाजल मंगवा कर टंकी व जार में स्टोर कर रखवाते रहते हैं, ताकि भक्तों को दिक्कत नहीं हो. मंदिर परिसर के बाहर भी टैंकर की व्यवस्था रखी जा रही है. हालांकि, सोमवार को किसी कारणवश टैंकर नहीं आ पाया था. मंदिर के अंदर कुआं और नल की सुविधा है. भक्तों की काफी लंबी कतार थी. कुछ लोग अपने घर से भी जल लेकर चढ़ाने आये थे.
बूृढ़ानाथ मंदिर : जलकुंभी के कारण जमुनिया में जल भरना भक्तों को पसंद नहीं
बूढ़ानाथ मंदिर के किनारे से कभी गंगा बहती थी. अब जमुनिया की धारा बहती है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से जमुनिया का जलस्तर भी ऊंचा हुआ है. लेकिन बूढ़ानाथ घाट के पास जमुनिया की धारा में जलकुंभी भरे होने के कारण यहां कोई जल भरना पसंद नहीं कर रहे. बूढ़ानाथ मंदिर के अंदर नल की सुविधा है, जहां से भक्त जल भर कर अभिषेक करते हैं. कुछ भक्त अपने घर से भी जल लेकर आते हैं.
शिवशक्ति मंदिर : टैंकर और नल से जल भरने की है सुविधा
आदमपुर स्थित शिवशक्ति मंदिर में भी बड़ी संख्या में शिवभक्त सावन की सोमवारी पर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. यहां पहले नल से ही जल भरने की सुविधा थी. लेकिन बाद में भक्तों की संख्या बहुत बढ़ जाने पर मंदिर प्रबंधन ने टैंकर की सुविधा उपलब्ध करायी. अब भक्त टैंकर से भी सुविधा प्राप्त करते हैं.शहर किनारे गंगा की पुरानी धारा को जगाने का प्रस्ताव दो साल से पेंडिंग
भागलपुर शहर किनारे से बहने वाली गंगा पिछले कई दशक से नवगछिया अनुमंडल के गांवों के किनारे से होकर बह रही है. पुरानी धारा में फिलहाल जमुनिया बह रही है. पुरानी धारा में गंगा के बहाव को लेकर जिला प्रशासन ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) को प्रस्ताव भेजा था. लेकिन यह प्रस्ताव प्राधिकरण कार्यालय में पेंडिंग पड़ा हुआ है. 14.09.2023 को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के पटना के निदेशक ने डीएम को एक पत्र भेजा था. कहा था कि बैरिया मोहनपुर दियारा के पास डेजिंग के लिए सुरक्षा प्रदान करें. लेकिन न तो डीएम के प्रस्ताव का निस्तारण हो सका है और न प्राधिकरण की ओर से ड्रेजिंग ही शुरू की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है