इस्माईलपुर-बिंद टोली तटबंध स्थित स्पर संख्या नौ से आठ तक विस्थापित परिवारों के विरोध के बावजूद प्रशासन की ओर से पोकलेन व जेसीबी से तटबंध व स्पर पर बने झोपड़ियों को हटाने का कार्य समाचार लिखे जाने तक जारी था. एसडीओ नामित दंडाधिकारी गोपालपुर के सीओ रौशन कुमार व गोपालपुर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार व भारी संख्या में महिला व पुरुष बल के साथ स्पर संख्या नौ पर पहुंचे. अपनी-अपनी झोपड़ी उजाड़े जाने की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में महिलाएं व पुरुष सीओ के निकट आकर बरसात तक झोपड़ी नहीं हटाने की गुहार लगा विरोध करने लगे. विस्थापितों का कहना था कि हमलोग पिछले 15 वर्षों से गंगा नदी की बाढ़ में अपने घरों के कटने के बाद तटबंध व स्परों पर प्लास्टिक व फूस की झोपड़ी बना कर रह रहे हैं. आज तक हमलोगों को बासभूमि उपलब्ध नहीं करायी गयी. जिसने जमीन दूसरी जगह खरीद कर पक्का का मकान बना लिया, वैसे लोगों से अवैध राशि लेकर बासभूमि का पर्चा दिया गया. कुछ माह पूर्व बिचौलिये के माध्यम से 15 से 20 हजार रुपये की वसूली की गयी. निरीह व निर्धन परिवार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते रहते हैं. विस्थापित परिवारों ने वैकल्पिक व्यवस्था होने तक तटबंध व स्पर पर कुछ माह रहने देने की गुहार लगाते रहे. सीओ रौशन कुमार ने विस्थापितों को बताया कि धीरे-धीरे बासभूमि का पर्चा विस्थापित परिवारों के बीच वितरण किया जा रहा है. आप लोग अभी तक मुझसे मिलकर आवेदन तक नहीं दिये. अपने वार्ड सदस्य के माध्यम सभी विस्थापित परिवारों की सूची अंचल कार्यालय में जमा करने को कहा. .गड्ढे में बासभूमि देने पर कई लोगों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पिछले वर्ष कटाव के बाद डीएम ने उक्त पर्चे को रद्द कर दूसरी जगह बासभूमि लेने को कहा था. विस्थापित परिवार जेसीबी के सामने खड़े होकर झोपड़ी हटाने का विरोध कर रहे थे .सीओ ने विस्थापित परिवारों को समझाते हुए कहा कि सौ-दो सौ परिवारों के कारण तटबंध व स्पर की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. तटबंध के असुरक्षित होने पर लाखों की आबादी प्रभावित होती है. समझा बुझा कर अतिक्रमण हटाने का कार्य जारी था.
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