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bhagalpur news.विवि स्थापना शाखा के प्रभारी ने पीआरओ पर धमकाने व असंसदीय भाषा का प्रयोग करने का लगाया आरोप

टीएमबीयू में स्थापना शाखा के प्रभारी सुनील कुमार ने पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर पर धमकाने व असंसदीय भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया

भागलपुर

टीएमबीयू में स्थापना शाखा के प्रभारी सुनील कुमार ने पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर पर धमकाने व असंसदीय भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया. मामले को लेकर शिक्षकेतर कर्मियों की तरफ से सिंडिकेट सदस्य डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा, कुलपति व कर्मचारी संघ को शिकायत की.

आवेदन के माध्यम से आरोप लगाया कि 21 अप्रैल को वह पीआरओ के कार्यालय में गये थे. उन्हें डॉ दीपक से काम के सिलसिले में कुछ दस्तावेज चाहिए था. पीआरओ कमरे में नहीं थे. इस बाबत एसओ ने वहां कार्यरत कर्मी से पूछा, तो कार्यालय के कर्मचारी से जानकारी मिली कि पीआरओ प्राय: ऑफिस नहीं आते हैं. 15 दिनों पर एक दिन आते हैं. इसके बाद उसी दिन शाम में उन्होंने फोन कर धमकाया और असंसदीय भाषा का प्रयोग किया.

एसओ ने कहा कि कर्मचारियों से जुड़ा प्रोन्नति का शेड्यूल समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के उद्देश्य से पीआरओ से अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने प्रकाशन के लिए संबंधित प्रतिनिधियों को नहीं दिया. जब खबर नहीं आयी, तो पीआरओ से जानकारी लेने पर भी उन्होंने अभद्र शब्दों का प्रयोग किया.

कहा कि पीआरओ पत्रकारिता विभाग में निदेशक पद पर कार्यालय आदेश निकालने का दबाव बना रहे थे, लेकिन एसओ ने कुलपति के आदेश की बात कही, तो पीआरओ ने कहा मौखिक आदेश से ही फाइल बढ़ाये. इसे लेकर एसओ ने पीआरओ से लिखित मांगी, लेकिन वह तैयार नहीं हुए. शिकायत में एसओ ने पूर्व में निम्नवर्गीय लिपिक अभिषेक कुमार व उमेश मंडल के साथ भी गलत व्यवहार करने की बात भी कही है.

स्थापना शाखा के प्रभारी की कार्यशैली व संस्कृति अच्छी नहीं – पीआरओ

पीआरओ ने कहा कि आरोप पूरी तरह निराधार, मनगढ़ंत व बेबुनियाद है. स्थापना शाखा के प्रभारी सुनील कुमार की कार्यशैली व संस्कृति अच्छी नहीं होने के कारण विवि पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग का सिलेबस, ऑडिनेशन, रेगुलेशन राजभवन को अबतक नहीं भेजा जा सका है. जबकि मामले में कुलपति ने एक माह पूर्व ही स्थापना शाखा को निर्देश दिया था कि विवि पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग के निदेशक की अधिसूचना जारी कर दें, लेकिन कुलपति के आदेश को भी नहीं माना, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. नतीजतन पत्रकारिता विभाग खुलने की कार्रवाई अधर में लटक गया है. पीआरओ ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऑफिस में पूर्व में कई बार आकर मेरे अनुपस्थिति में कार्यालय कर्मी के साथ अभद्र शब्दों का प्रयोग किया. बताया कि उक्त कर्मी को अपने कार्यालय में बुलाकर संबंधित दस्तावेज भी दिखाया. इसके बाद उनके द्वारा कुछ नहीं किया गया. मामले की जानकारी कुलपति को भी दी गयी है.

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