भारत सरकार के शिक्षा विभाग की सोमवार को ऑनलाइन बैठक हुई. बैठक में टीएममबीयू के कुलपति प्रो जवाहर लाल भी शामिल हुए. बैठक का विषय राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालय को वैश्विक मानक तक बढ़ाने पर केंद्रित था. बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों को वैश्विक स्तर पर कैसे लाया जा सकता है. इसे लेकर कुलपति ने अपने विचार साझा किये. कुलपति ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में मानव संसाधन को ह्यूमन कैपिटल में बदलने की जरूरत है. मानव पूंजी विकसित भारत की नींव है. बिहार के विश्वविद्यालयों को ग्लोबल स्टैंडर्ड में कैसे लाया जाय. कुलपति ने कहा कि छात्रों का रुझान वोकेशनल और प्रोफेशनल कोर्स की तरफ ज्यादा हो रहा है. परंपरागत कोर्स की जगह अब ये कोर्स ले रहे हैं. करीब 81 फीसदी छात्र स्टेट यूनिवर्सिटी में नामांकित हैं.
वीसी ने कहा कि विकसित भारत के ड्रीम को साकार करने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. नॉलेज इकोनॉमी का दौर है, जो देश नॉलेज इकोनॉमी में आगे रहेगा, वही उन्नति कर सकेगा. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अच्छा ज्ञान, अच्छी स्किल व अच्छा स्वास्थ्य आदि को ही मानव पूंजी में परिवर्तित किया जा सकता है. कुलपति ने जोर दिया की इंडस्ट्री को कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत राज्य के विश्वविद्यालयों को अनिवार्य रूप से समरूपता के साथ सहयोग करना चाहिए.पांचवां चीफ सेक्रेटरी कांफ्रेंस इसी वर्ष होने जा रहा है. विषय हायर एजुकेशन नॉलेज इकोनॉमी रखा गया है.
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