बीएयू के उद्यान गार्डन सबौर में फूड प्रोसेसिंग यूनिट में तैयार किया जा रहा नीरा नयी पहल है. जरूरत है इस उत्पाद को एक व्यापक बाजार व समुचित प्रचार की. इस दिशा में भी पहल की जा रही है. यह कहना है नीरा संवर्धन संयंत्र में कार्यभार देखनेवाले टेक्नीशियन रजनीश कुमार गुप्ता का. उन्होंने बताया कि फिलहाल कैन व बोतल बंद में नीरा उपलब्ध है. हर दिन उत्पादन किया जा रहा है. बीएयू वीसी के दिशा निर्देश में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नीरा प्रसंस्करण इकाई बिहार का पहला संस्करण इकाई बन गया है. इस इकाई के माध्यम से ताड़ वृक्ष के बारे मे ट्रेनिंग देकर नीरा एवं अन्य प्रोडक्ट के बारे में जानकारी दी जा रही है. इसके साथ-साथ ताल मिश्री, जैम आदि भी बनाया जा रहा है जो प्राकृतिक मिठास का अहसास करवाती है. इससे रोजगार सृजन भी हो रहा है. प्रसंस्करण इकाई की क्षमता 100 लीटर प्रति घंटा है. इस प्रसंस्करण इकाई विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ मो वसीम सिद्दीकी की देखरेख में चल रहा है. डॉ शमशेर अहमद एवं डॉ विवेक कुमार ने नीरा संरक्षण प्रौद्योगिकी के विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. इस तरह की पहल से किसानों को सीधा नवाचार से जोड़ कर नीरा प्रसंस्करण इकाई को उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है.
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