अकबरनगर थाना क्षेत्र में वर्ष 2018 में तेजाब पिलाकर विवाहिता की हत्या मामले में सात साल में अनुसंधान और कार्रवाई नहीं करने के आरोप में कांड के नौ अनुसंधानकर्ताओं के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही का आदेश आइजी विवेक कुमार ने दिया है. साथ ही दो डीएसपी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई को लेकर आइजी ने पुलिस मुख्यालय को अनुशंसा की है. आइजी ने कांड की समीक्षा की, जिसमें उक्त पदाधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई. इसके बाद कार्रवाई की गई. कांड की समीक्षा में पाया कि उक्त गंभीर मामले में अनुसंधानकर्ताओं ने सात साल में कोई कार्य नहीं किया. उसी दौरान दो डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर ने भी समीक्षा कर कोई प्रगति प्रतिवेदन निर्गत नहीं किया. इस वजह से सुरक्षित रखा गया. विसरा भी सड़ गया और उसकी जांच नहीं हो सकी. इस लापरवाही की वजह कांड की सुनवाई में अभियोजन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना की बात कही गई. जिन पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही का निर्देश दिया गया, उनमें तत्कालीन कांड के आइओ इंस्पेक्टर विकास कुमार के अलावा अन्य अनुसंधानकर्ताओं में एसआइ नसीम खां, एसआइ मो वारिस खान, एसआइ मो दिलशाद, एसआइ संतोष कुमार शर्मा, एसआइ पुष्पलता कुमारी, एसआइ संतोष कुमार वर्मा, एसआइ राकेश कुमार और एएसआइ जितेंद्र कुमार व दो डीएसपी में पूर्व डीएसपी नेसार अहमद शाह और डॉ गौरव कुमार शामिल हैं.
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