श्रावणी मेला शुरू होने के साथ बढ़ेगा वाहनों का दबाव, बारिश से और बिगड़ी हालतबाइपास मार्ग गंभीर रूप से जर्जर है. कुछ दिनों में श्रावणी मेला शुरू होने वाला है. जाहिर है इस रोड पर वाहनों का भारी दवाब रहेगा. जो श्रद्धालुओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. एक सप्ताह से रुक-रुककर हो रही तेज बारिश ने स्थिति और बिगाड़ दी है. सड़क के किनारे की मिट्टी बह चुकी है और कई स्थानों पर सड़क धंस गई है. फ्लैंक की मिट्टी बहने और दलदली होने से भारी वाहनों के पलटने का खतरा बन गया है. वहीं, जगह-जगह गहरे और बड़े गड्ढे बन गये हैं. इन हालातों के बावजूद प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. एनएच विभाग ने जिस एजेंसी को मरम्मत कार्य के लिए बहाल किया है, वह भी काम नहीं कर रही है.
प्रशासनिक सुस्ती और संवेदनहीनता का नतीजा यह है कि एक महत्वपूर्ण मार्ग जो कांवर यात्रा के दौरान वैकल्पिक रूट की तरह इस्तेमाल होता है, वह खतरे में बदल चुका है. समय रहते अगर मरम्मत और सुधार कार्य नहीं हुआ, तो अप्रिय घटनाएं होने से इनकार नहीं किया जा सका है. भागलपुर में छह करोड़ रुपये की लागत से दुरुस्त कराई गई स्थायी बाइपास सड़क महज छह माह में ही खराब हो गई है. चौधरीडीह से बरारी हाउसिंग मोड़ तक सड़क पर गहरे गड्ढे बन गए हैं. इस मार्ग पर दुर्घटना की आशंका भी लगातार बनी हुई है.मरम्मत के नाम पर 40 करोड़ से अधिक खर्च, फिर भी नहीं टिकी सड़क
सड़क निर्माण का जिम्मा जमुई के ठेकेदार को दिया गया था. ठेके के अनुसार पहले एक लेयर बिटुमिनस बिछाई जानी थी और फिर मास्टिक एसफाल्ट. लेकिन ठेकेदार ने बिटुमिनस के बाद मास्टिक एसफाल्ट नहीं बिछाया और जल्दबाजी में काम पूरा कर दिया. नतीजा यह हुआ कि वाहनों के दबाव में सड़क नहीं टिकी. करीब 270 करोड़ की लागत से बने बाइपास के चालू होने के एक साल बाद ही सड़क में कई जगह मरम्मत की जरूरत पड़ गयी. कोहड़ा और टोल प्लाजा के बीच भी सड़क धंस चुकी है. बीते पांच वर्षों में छह-सात बार मरम्मत पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.कमजोरी छिपाने के लिए बता रहा बेस की कमजोर नींव
एनएच विभाग के अभियंता के मुताबिक सड़क की बार-बार टूट की मुख्य वजह बेस की कमजोर नींव और काली मिट्टी वाली जमीन है. ठेकेदार को 11 करोड़ की परियोजना में निर्माण और पांच साल तक तीन करोड़ के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी दी गयी थी. विभाग का दावा है कि सड़क मरम्मत जारी है और ठेकेदार को निर्देश दिया गया है कि जहां भी सड़क टूटे, तो तुरंत ठीक करें.
बाइपास एक नजर में
270 करोड़ रुपये बाइपास निर्माण की कुल लागतपांच साल में 6–7 बार मरम्मत पर 40 करोड़ से अधिक खर्च
11 करोड़ में सड़क निर्माण और मेंटेनेंस कार्य के लिए दिया गया ठेका3 करोड़ रुपये पांच वर्षों तक रखरखाव पर खर्च
टोल प्लाजा में जलजमाव वाहनों के लिए खतरनाक
टोल प्लाजा सहित आसपास जलजमाव है. बारिश होने के साथ टोल प्लाजा के हर लेन पर पानी भर जा रहा है. इस समस्या का निदान न तो प्लाजा की एजेंस स्तर से की जा रही है और न ही विभागीय स्तर से ध्यान दिया जा रहा है.अधिकारी बोले
ठेका एजेंसी से काम कराने के लिए कहा गया है. अगले दो-चार दिन में काम करेगा. गड्ढों को भरा जायेगा. सड़क दुरुस्तीकरण दिशा में तेजी से काम होगा.
साकेत रौशन, कार्यपालक अभियंताराष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है