भागलपुर टीएनबी कॉलेज को हेरिटेज का दर्ज मिल सकता है. इसे लेकर सरकार के स्तर से प्रक्रिया की जा रही है. कॉलेज का भवन करीब 150 साल पुराना है.
ब्रिटिश शासन काल में कॉलेज का भवन निर्माण कराया गया था. 1883 इस्वी में कोलकाता विश्वविद्यालय कॉलेज को मान्यता मिला था. कॉलेज 1917 से 1960 तक बिहार विश्वविद्यालय का अधीन रहा. कॉलेज की स्थापना 12 फरवरी 1883 में भागलपुर के प्रख्यात जमींदार राय बहादुर तेज नारायण सिंह द्वारा की गई थी, जो पहले एक किराये के भवन में चलता था. बाद में उनके नया बाजार स्थित आवासीय भवन में गया. कॉलेज के शिक्षक डॉ रवि शंकर चौधरी ने बताया कि 1890 में तेज नारायण सिंह ने ट्रस्ट बनाकर 18 सौ रुपए प्रतिमा देना शुरू किया. 1930 में बनेली स्टेट से इस महाविद्यालय का संबंध जुड़ा और बनैली स्टेट भू-दाता बना. बनैली स्टेट के राजाओं ने महाविद्यालय को भवन के लिए 60 एकड़ जमीन के साथ-साथ दो भवन निर्माण के लिए भी तीन लाख भी दिये.
कॉलेज ने कई मंत्री दिया
डॉ चौधरी ने बताया कि कॉलेज से पढ़ाई कर राष्ट्रीय स्तर पर कई छात्रों ने नाम कमाया. इसमें बांग्ला कथा शिल्पी शरतचंद्र, बीबी मिश्रा, यूंएन सिन्हा, बीपी झा, डीएन सिंहा, एलके झा, ललित नारायण मिश्रा, पूर्व रेल मंत्री भारत सरकार जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व मुख्यमंत्री बिहार सरकार भागवत झा आजाद, पूर्व मुख्यमंत्री बिहार सरकार दारोगा प्रसाद राय, पूर्व मुख्यमंत्री बिहार सरकार सतीश प्रसाद सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री बिहार सरकार डोगरा राय, मदनेश्वर मिश्रा, गौरीशंकर राजहंस, राजदूत, रामेश्वर ठाकुर, पूर्व राजपाल शिवचंद्र झा, विधानसभा अध्यक्ष कपिल जी, ज्ञानेंद्रपति आदि उल्लेखनीय है. जगन्नाथ मिश्रा, भागवत झा आजाद, दारोगा प्रसाद राय, सतीश प्रसाद सिंह चारों पूर्व मुख्यमंत्री महाविद्यालय के इस्ट एवं वेस्ट ब्लॉक के छात्र रह चुके थे. ललित नारायण मिश्रा एवं शिवचंद्र झा यहां के अर्थशास्त्र के छात्र थे.
यूजीसी ने लाइफ साइंस ब्लॉक का निर्माण कराया
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1952 में यूजीसी के स्थापना के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बिहार सरकार से प्राप्त अनुदान से महाविद्यालय के लाइफ साइंस ब्लॉक का निर्माण कराया गया. 1960-61 में इस कॉलेज में बीए और बीएससी की कक्षा में कुल 2081 विद्यार्थी थे. कॉलेज के पुस्तकालय में 90 हजार पुस्तकें उपलब्ध हैं.
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कोट
कॉलेज को हेरिटेज का दर्जा दिलाने के लिए विवि के माध्यम से मुख्यालय में आवेदन दिया गया है. इस दिशा में मुख्यालय में काम चल रहा है. हैरिटेज दर्जा दिलाने के लिए कुलपति प्रयासरत है.
प्रो एसएन पांडे, प्रभारी प्राचार्य
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