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भागलपुर में प्राचीन विक्रमशिला का दफन राज आने लगा बाहर, खुदाई में तिब्बती मंदिर जैसे भवन होने के संकेत मिले

बिहार के भालपुर में प्राचीन विक्रमशिला के बचे हुए भागों की खुदाई जारी है. प्राचीन विक्रमशिला के अवशेष जंगलेश्वर टीला की खुदाई में तिब्बती मंदिर जैसे भवन होने के संकेत मिले हैं.

बिहार के भागलपुर अंतर्गत प्राचीन विक्रमशिला के बचे भाग की खुदाई शुरू कर दी गयी है. प्राचीन विक्रमशिला के अवशेष जंगलेश्वर टीला की खुदाई पिछले कुछ दिनों से जारी है. बीते सप्ताह इस जंगलेश्वर टीले पर खुदाई के लिए भूमि पूजन किया गया थी और पुरातत्व विभाग से आये बिरेंद्र कुमार ने विधिवत इस कार्य का शुभारंभ किया था. वहीं खुदाई के दौरान अब तरह-तरह की चीजें सामने आ रही हैं. खुदाई कर रही टीम को तिब्बती मंदिर जैसे भवन होने के संकेत मिले हैं.

तिब्बती मंदिर जैसे भवन होने के संकेत मिले

विक्रमशिला खुदाई स्थल के पास जंगलेश्वर टीले की दूसरे लेयर की खुदाई गुरुवार से प्रारंभ की गयी. दूसरे लेयर की खुदाई में टीम को तिब्बती मंदिर जैसे भवन होने के संकेत मिले हैं. हालांकि, खुदाई अभी जारी है. खुदाई स्थल पर भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग के उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि जंगलेश्वर टीले की खुदाई होने से विक्रमशिला से जुड़ी और भी कई चौंकाने वाली जानकारी मिल सकती है.

तीन लेयर की खुदाई के बाद स्पष्ट होगा आकार

अधिकारियों की मानें तो जंगलेश्वर टीले की खुदाई से पुरातत्व विभाग को भी काफी उम्मीद है. बताया कि जैसे-जैसे इस टीले की खुदाई होती जायेगी, विक्रमशिला के इतिहास की नयी परतें खुलती जायेंगी. खुदाई करा रही टीम की मानें तो तीन लेयर के बाद ही कुछ आकार समझ में आयेगा. मालूम हो कि लगभग 20 एकड़ में फैले इस जंगलेश्वर टीले की अभी 40-40 मीटर के क्षेत्रफल की ही शुरुआत में खुदाई की जा रही है. जबकि काफी बडे भू-भाग की खुदाई होना अभी बाकी है. मालूम हो कि पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग के पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य के नेतृत्व में विभाग के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद बोध गया संग्रहालय से आये विरेन्द्र कुमार की टीम की देखरेख में खुदाई का काम कराया जा रहा है.

विक्रमशिला के नाम से केंद्रीय विश्वविद्यालय बनेगा

कहा जाता है कि प्राचीनकाल में लगभग चार सौ वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाली भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए बिहार सरकार द्वारा चिह्नित जमीन की सूची सरकार को भेजी जा चुकी है. इससे पहले ही 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने विक्रमशिला के नाम से केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए 500 करोड़ रुपये देने कि घोषणा किये थे. उन्होंने राज्य सरकार को इसके लिए जमीन मुहैया कराने का आदेश दिया था. विक्रमशिला के पास ही बिहार सरकार ने 200 एकड़ जमीन चिह्नित किया है और सरकार को सेंट्रल युनिवर्सिटी के निर्माण हेतु सारे कागजात भेजे जा चुके हैं.

संसद में निशिकांत दुबे ने उठायी आवाज, शुरू हुआ नया अध्याय

इतिहास के अनुसार पुरातत्व व सर्वेक्षण विभाग द्वारा पूर्व में विक्रमशिला के एक तिहाई भाग की ही खुदाई करायी जा सकी है, बांकी के तीन तिहाई भाग आज भी खुदाई की आस में है. जंगलेश्वर टीले की खुदाई भी इसका अहम हिस्सा है. इतिहासकार सह भागलपुर के पूर्व डीपीआरओ शिवशंकर सिंह परिजात की मानें तो जंगलेश्वर टीले की खुदाई में प्राचीन धरोहर में दफन पुरातात्विक सामग्री प्राप्त हो सकती है. मालूम हो कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने जंगलेश्वर टीले की खुदाई के लिए सदन में आवाज उठायी थी. अंतत: हाल में इसके लिए एक नये अध्याय की शुरुआत की गयी. इस खुदाई को लेकर आसपास के ग्रामीणों में काफी खुशी देखी जा रही है.

ThakurShaktilochan Sandilya
ThakurShaktilochan Sandilya
डिजिटल मीडिया का पत्रकार. प्रभात खबर डिजिटल की टीम में बिहार से जुड़ी खबरों पर काम करता हूं. प्रभात खबर में सफर की शुरुआत 2020 में हुई. कंटेंट राइटिंग और रिपोर्टिंग दोनों क्षेत्र में अपनी सेवा देता हूं.

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