राज्य में लगातार हो रही वर्षा के मद्देनजर जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार पूरी सतर्कता से बाढ़ सुरक्षा व तटों की निगरानी में जुटा है. विभाग की प्राथमिकता गंगा नदी के तटीय क्षेत्र विशेषकर संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करना और श्रद्धालुओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना है. सुलतानगंज प्रखंड अंतर्गत गंगा नदी के प्रमुख घाटों सीढ़ी घाट और नमामि गंगे घाट पर कटाव रोकथाम, घाट सुरक्षा व जल प्रवाह नियंत्रण के लिए विशेष कार्य जारी हैं. इन कार्यों को वरीय पदाधिकारियों व जिला प्रशासन के निर्देशानुसार संचालित किया जा रहा है, ताकि श्रावणी मेला में आने वाले कांवरियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इस बीच सबौर प्रखंड के चायचक ग्राम में 2025 की बाढ़ से पूर्व किये गये कटाव निरोधक कार्य के एक हिस्से में लगभग 20 मीटर क्षेत्र में स्लोप क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होने पर विभाग ने स्थिति की गंभीरता से लेते हुए बाढ़ संघर्षात्मक बल के निर्देश पर तत्काल मरम्मत कार्य शुरू किया. कटाव को प्रभावी रूप से नियंत्रित कर लिया गया. जल संसाधन विभाग ने बताया कि तटबंधों की सतत निगरानी, संवेदनशील स्थलों पर समय-समय पर निरीक्षण और जिला प्रशासन के समन्वय से राज्य के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी की गयी है. विभाग संभावित बाढ़ संकट से निबटने के लिए पूर्ण रूप से मुस्तैद है.
श्रावणी एकादशी पर दो लाख से अधिक कांवरिया बाबानगरी गये सावन की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि पर मंगलवार को सुलतानगंज से बाबा नगरी देवघर के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. उत्तरवाहिनी गंगा में पवित्र स्नान कर करीब दो लाख से अधिक कांवरिया हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारों के साथ कांवर उठा कर बाबाधाम रवाना हुए. शहर की सड़कों और कच्चा कांवरिया पथ पर भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा. कई श्रद्धालु पैदल तो कुछ वाहन से यात्रा करते मिले. कृष्णगढ़ स्थित नियंत्रण कक्ष के अनुसार मंगलवार शाम छह बजे तक कुल 1,93,229 सामान्य कांवरिया तथा 1,064 डाक बम बाबाधाम प्रस्थान किये.वैशाखी के सहारे बाबा धाम जा रहे कुशीनगर के राजू
श्रावणी मेला में आस्था और संकल्प की मिसाल बने कुशीनगर के राजू श्रीवास्तव मंगलवार को वैशाखी के सहारे अजगैवीनाथ धाम से गंगाजल लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम रवाना हुए. दोनों हाथों में वैशाखी लिए राजू अपने परिवार के साथ बोल बम के जयकारे लगा बाबा भोलेनाथ की भक्ति में कांवर यात्रा पर निकल पड़े. उन्होंने बताया कि वह पिछले 22 वर्षों से लगातार वैसाखी के सहारे यह कठिन यात्रा पूरी करते आ रहे हैं. बाबा ही मेरे संबल हैं. उन्हीं की कृपा से मैं हर साल इस धर्मयात्रा में शामिल होता हूं और बाबाधाम तक पहुंचता हूं. उनका आशीर्वाद है कि मैं चल रहा हूं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है