Darbhanga News: हनुमाननगर. बसुआरा ब्रह्मस्थान के पास शुक्रवार को मंगल कलश शोभा यात्रा से शुरू हुए नौ कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ और श्रीमद् प्रज्ञा पुराण कथा के तीसरे दिन रविवार को शांतिकुंज हरिद्वार से आई टोली ने ध्यान, साधना और प्रज्ञा योग कराया. आयोजन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ आयी. इसके बाद देव पूजन और गायत्री महायज्ञ हुआ. महायज्ञ में 151 से अधिक लोगों ने आहुति दी. पांच बरुआ सुशांत कुमार, उत्सव कुमार, राजू कुमार, कृष्ण कुमार, मुरारी कुमार का यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया.
प्रज्ञा पुराण का उद्देश्य मानव के चिंतन को बदलना
संध्या में दीप यज्ञ के आयोजन के बाद प्रज्ञा पुराण कथा में कथा वाचक ने पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित प्रज्ञा पुराण के अध्यात्म को बताया. कहा कि आधुनिक परिस्थितियों के अनुरूप यह ग्रंथ लिखा गया है. इसका उद्देश्य मानव के चिंतन को बदलना है. यह ग्रंथ रामायण और गीता की तरह प्रेरणादायक है. इसमें दैनिक जीवन की समस्याओं का समाधान बताया गया है. प्रज्ञा पुराण का मुख्य उद्देश्य मानव को आध्यात्मिक रूप से जागृत करना है. इसमें दिए गए सिद्धांत और मूल्य व्यक्ति को जीवन को बेहतर बनाने और समाज के कल्याण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं. टोली का नेतृत्व धर्मेंद्र कुमार कर रहे हैं. टोली में सत्येंद्र कुमार, महेश कुमार और मंजेश कुमार शामिल हैं. आयोजन में वीणा मिश्रा, निर्मल मिश्रा, राम विनोद मिश्रा, सीताराम ठाकुर, रोहित पराशर, सुशील मिश्रा, जितेन्द्र चौधरी, लालन चौधरी, अजय कुमार, प्रयांशु कुमार और अनीता मिश्रा का योगदान सराहनीय है.
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