Darbhanga News: मनीगाछी. प्रखंड क्षेत्र में लोग भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं. चनौर, ब्रह्मपुरा-भटपुरा, राजे, मकरन्दा, बाजितपुर, ब्रह्मपुर सहित अन्य पंचायतों में उत्पन्न जलसंकट ने लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर दिया है. पानी की किल्लत के कारण लोग अब अगल-बगल के सगे-संबंधी, इष्ट-मित्रों के यहां स्नानादि व नित्य क्रिया के लिए जाने को मजबूर हैं. चनौर पंचायत के वार्ड नौ में सभी सामान्य चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. वहीं नल-जल शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. वार्ड निवासी भक्तिनाथ झा, रामजी मुखिया, बिहारी मुखिया, प्रभाष कुमार झा, गुणानंद झा, महावीर मुखिया, तेज नारायण झा सहित कई लोगों का कहना है कि गत दो माह से भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं. चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है. स्थिति इतनी विकराल हो गयी है कि वार्डवासियों को अब नहाने सहित अन्य नित्य क्रिया के लिए दूसरे गांव के रिश्तेदरों का सहारा लेना पड़ रहा है. कई लोग पानी की किल्लत को देखते हुए परदेस में रह रहे रिश्तेदारों के यहां चले गये हैं. वार्ड में एकमात्र इंडिया मार्का-टू चापाकल है. वही लोगों का सहारा बना हुआ है. लगभग 60 से 70 परिवार के बीच एक चापाकल होने के कारण लोग रतजगा कर पानी ढोते हैं. घर की महिलाएं आधी रात में ही उठकर इसी चापाकल से पानी संग्रह करने पहुंच जाती हैं. इसे लेकर बीडीओ से लेकर पीएचइडी के वरीय अभियंताओं तक गुहार लगायी जा चुकी है, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस संबंध में पूछने पर स्थानीय मुखिया मदन कुमार यादव ने कहा कि पंचायत के सभी नल-जल ठप पड़े हैं. चापाकल सूख गये हैं. इसे लेकर जिला परिषद की बैठक में भी मुद्दा उठाया गया था. वहीं बीडीओ डीएल यादव ने इसके लिए पीएचइडी विभाग को जिम्मवार ठहराते हुए कहा कि पीएचइडी को कई बार लिखा गया है. उन्होंने कहा कि प्रखंड के 10 पंचायत में पानी की किल्लत की जानकारी मिली है. पीएचइडी को लिखने के बावजूद काम नहीं किया जा रहा है. इधर, पीएचइडी के सहायक अभियंता से लेकर कार्यपालक अभियंता तक से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा.
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