Darbhanga News: दरभंगा. महात्मा गांधी काॅलेज में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की जयंती मनायी गयी. प्रेमचंद के साहित्य में यथार्थ एवं आदर्श का समन्वय विषयक संगोष्ठी में लनामिवि के पीजी हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ प्रभाकर पाठक ने प्रेमचंद के साहित्य में समाज की सभी विधाओं, स्वरूपों तथा उत्थान पतन के समावेश की चर्चा की. कहा कि आज दो महापुरुषों की जयंती है. आज ही लोकनायक तुलसीदास की भी जयंती है. तुलसीदास की कवितावली के छंदों का उल्लेख करते हुए उसकी तुलना प्रेमचंद के साहित्य से की. दोनों को साहित्य जगत का इतिहास पुरुष बताया, जिसने समाज को बदलने के लिए साहित्य की रचना की. कहा कि हिंदी साहित्य को दोनों पर गौरव है.
प्रेमचंद का साहित्य यथार्थ एवं आदर्श का श्रेष्ठ उदाहरण- डॉ अजीत
विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉ अजीत कुमार चौधरी ने प्रेमचंद के साहित्य को यथार्थ एवं आदर्श का श्रेष्ठ उदाहरण बताया. अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ राधाकृष्ण प्रसाद ने प्रेमचंद साहित्य को प्रेरणादायक बताया. कहा कि उनके उपन्यास निर्मला, सेवा सदन, रंगभूमि कर्मभूमि, गोदान तथा कहानी कफन छात्रों को पढ़नी चाहिए. संगोष्ठी में डॉ रूपम कुमारी, डॉ बेबी कुमारी, डॉ नीतू, डॉ प्रतिभा स्मृति, डॉ लाल कुमार साह, विद्या कुमारी तथा छात्रों की ओर से राधेश्याम एवं सागर ने विचार रखा. अतिथियों का स्वागत डॉ प्रियंका कुमारी, संचालन डॉ शिखा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ दीपक महतो ने किया.प्रतियोगिता में अव्वल आयीं अर्चना एवं सागर
इससे पहले प्रेमचंद से संबंधित निबंध एवं भाषण प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले प्रतिभागियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. निबंध प्रतियोगिता में प्रथम अर्चना कुमारी, द्वितीय फातिमा, तृतीय स्थान कल्पना और राधा कुमारी को मिला. भाषण में प्रथम सागर कुमार, द्वितीय राधेश्याम कुमार, तृतीय स्थान खुशी और साक्षी कुमारी को मिला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है