Darbhanga News: दरभंगा. शहर के दिग्घी पश्चिम तट पर अवस्थित विख्यात दरगाह हजरत भीखा शाह सैलानी रहमतुल्लाह अलैह परिसर में आयोजित पांच दिवसीय उर्स का समापन शनिवार की रात शांतिपूर्ण वातावरण में सौहार्दपूर्वक हो गया. उर्स के दौरान इलाका रूहानियत से सराबोर रहा. दूर-दूर से आए अकीदतमंदों की भीड़ सुबह से शाम तक मजार शरीफ की जियारत करती रही. लोगों ने मन्नत को लेकर दुआ की. स्थानीय प्रशासन के साथ शांति समिति, दरगाह के खादिमों तथा स्वयंसेवकों ने व्यवस्था में जुटे रहे. कोतवाली थानाध्यक्ष राहुल कुमार की अगुआई में सुरक्षा बल के जवान मुस्तैद रहे. इस दौरान शनिवार की शाम परंपरा के अनुसार सूफियाना कव्वाली की महफिल सजी. इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे कव्वालों ने अल्लाह और औलिया की शान में रंगा-रंग पेशकश की. इसके पश्चात मजार शरीफ पर चादरपोशी और गुलपोशी की रस्म अदा की गई. मिलाद की महफिल में उलेमाओं ने सूफी संतों की जिंदगी पर प्रकाश डाला. दरगाह के खादिम सूफी विचारक शाह मोहम्मद शमीम ने कहा कि सूफी संतों ने हमेशा इंसानियत, प्रेम और भाईचारे का पैगाम दिया है. मौजूदा समय में सूफियों की शिक्षाओं का अनुसरण करना पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है, क्योंकि ये शिक्षा समाज में प्रेम, शांति और सौहार्द को स्थापित करती है. समापन के अवसर पर सामूहिक दुआ में देश-दुनिया की तरक्की, आपसी प्रेम, खुशहाली और अमन-चैन की फरियाद की गई.
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